Hyundai और Kia पर छापा, कारों में एक खास डिवाइस लगाकर धोखा देने का आरोप
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दक्षिण कोरिया की प्रमुख वाहन निर्माता कंपनी हुंडई (Hyundai) और किआ (KIA) पर जर्मनी में अधिकारियों ने छापेमारी की है. इन पर आपरोप लगा था कि इन्होंने उत्सर्जन या एमिशन लेवल को बदलने के लिए सड़क पर 2,10,000 डीजल वाहनों को संदिग्ध अवैध डीफीट डिवाइस के साथ रखा है. फ्रैंकफर्ट के पब्लिक प्रॉजीक्यूटर (राज्य अभियोजक) के कार्यालय ने रायटर को यह जानकारी दी है.
डीफीट डिवाइस ऐसे सिस्टम होते हैं जो वाहन के एमिशन लेवल (उत्सर्जन स्तर) को बदलने वाले होते हैं. हालांकि यह साफ नहीं है कि ऑटो निर्माता वास्तव में इनका इस्तेमाल अपने वाहनों के वास्तविक प्रदूषण स्तर को छिपाने के लिए कर रहे थे या नहीं.यूरोपीय संघ एजेंसी यूरोजस्ट के सहयोग से एक ऑपरेशन में जर्मनी और लक्जमबर्ग में इन दोनों वाहन निर्माता कंपनियों (हुंडई और किआ) के आठ व्यावसायिक परिसरों पर छापा मारा. सियोल में हुंडई मोटर ग्रुप के एक प्रवक्ता द्वारा छापे की पुष्टि की गई, जो किआ और हुंडई दोनों का प्रतिनिधित्व करती है.
हुंडई और किआ पर ये मामला सामने आने से कई साल पहले 2015 में, फॉक्सवैगन पर भी अमेरिका में कुछ ऐसा ही आरोप लगा. हालांकि फॉक्सवैगन ने इस बात को स्वीकार भी किया था कि उसने कुछ डीजल इंजनों पर अमेरिकी एमिशन मानकों को धोखा देने के लिए सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया था. माना जाता है कि हुंडई और किआ के मामले में, संदिग्ध धोखा देने वाले उपकरण बॉश और डेल्फी कंपनियों से आए हैं जो आज की तारीख में बोर्गवार्नर समूह के स्वामित्व में हैं.
सियोल में मेरिट्ज सिक्योरिटीज के एक विश्लेषक किम जून-सुंग के मुताबिक, जांच को अभी और आगे बढ़ाया जा सकता है. इसमें दंडात्मक कार्रवाई भी की जा सकती है.उन्होंने यह भी कहा कि जब 2010 के मध्य में, यूरोप में बेचे जाने वाले हुंडई और किआ के डीजल इंजन वाले वाहनों की जांच की गई तो उत्सर्जन में संभावित हेराफेरी का कोई सबूत नहीं मिला था.
हुंडई और किआ पर छापे की खबरों के बाद बुधवार को उनके शेयरों में 6 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट आई है. निवेशकों को डर है कि कंपनी के खिलाफ जांच बढ़ती है और दंडात्मक कार्रवाई होती है तो नुकसान हो सकता है. हुंडई मोटर के शेयरों में 5 प्रतिशत और किआ के शेयरों में 4 प्रतिशत की गिरावट आई है. ये गिरावट व्यापक बाजार के 1.5 प्रतिशत की गिरावट थी.