स्पेस और डिफेंस में भारत-फ्रांस साथ काम करने को तैयार
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भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट ‘मेक इन इंडिया’ को फ्रांस का साथ मिल गया है। समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत और फ्रांस जलवायु परिवर्तन और रक्षा से संबंधित मामलों में गहरे संबंध रखने के अलावा अंतरिक्ष से संबंधित चुनौतियों का समाधान करने के लिए सहमत हो गये हैं और दोनों देश अंतरिक्ष और रक्षा क्षेत्र में मेक इन इंडिया के तहत काम करेंगे।
‘मेक इन इंडिया’, भारत के प्रधानमत्री नरेन्द्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट है, जिसके तहत पीएम मोदी का लक्ष्य आने वाले सालों में भारत को आत्मनिर्भर बनाना है, जिसमें अब भारत को फ्रांस का साथ मिल गया है। एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत और फ्रांस, 60 से अधिक वर्षों के तकनीकी और वैज्ञानिक अंतरिक्ष सहयोग की एक महान परंपरा रो आगे बढ़ाने, और अंतरिक्ष में उत्पन्न होने वाली समकालीन चुनौतियों का समाधान करने के लिए, विशेष रूप से सभी के लिए अंतरिक्ष तक सुरक्षित पहुंच बनाए रखने के लिए, द्विपक्षीय संबंध स्थापित करने पर सहमत हुए हैं। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हाल की फ्रांस यात्रा के दौरान अंतरिक्ष मुद्दों पर रणनीतिक वार्ता की गई थी।
आपसी बैठक और स्पेस के क्षेत्र में काम करने पर सहमति बनने के बाद दोनों देशों के बीच एक संयुक्त बयान जारी किया गया है। जिसमें कहा गया है कि, ‘यह समझौता, दोनों देशों को स्पेस और डिफेंस एजेंसियों, प्रशासन और विशेष पारिस्थितिकी तंत्र के विशेषज्ञों को बाहरी अंतरिक्ष में सुरक्षा और आर्थिक चुनौतियों, अंतरिक्ष पर लागू मानदंडों और सिद्धांतों पर चर्चा करने के साथ-साथ, सहयोग के लिए नए क्षेत्रों का द्वार खोलने की दिशा में अहम कदम है। दोनों पक्ष पहले आयोजन पर सहमत हो गये हैं और इस साल जल्द से जल्द आगे की बातचीत होगी’। आपको बता दें कि, पिछले हफ्ते पीएम मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के बीच बैठक के दौरान, दोनों पक्षों ने सभी रक्षा क्षेत्रों में चल रहे गहन सहयोग का स्वागत किया था।
इन सबके साथ ही, भारत और फ्रांस के बीच समुद्री सहयोग विश्वास को लेकर बातचीत नए स्तर पर पहुंच गया है, जो पूरे हिंद महासागर में सैन्य अभ्यास, आदान-प्रदान और संयुक्त प्रयासों के माध्यम से जारी रहेगा। भारत और फ्रांस ने इस बात को रेखांकित किया है कि, लंबे समय से चल रहा आयुध सहयोग दोनों पक्षों के बीच आपसी विश्वास का प्रमाण है। मुंबई में एमडीएल में निर्मित छह स्कॉर्पीन पनडुब्बियां “मेक इन इंडिया” पहल के अनुरूप फ्रांस से भारत में टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के स्तर को दर्शाती हैं। जैसा कि महामारी के बावजूद राफेल की सही समय पर डिलीवरी में देखा गया है, दोनों पक्ष रक्षा के क्षेत्र में बेमिसाल तालमेल आगे बढ़ा रहे हैं। वहीं, अब इस गति को आगे बढ़ाते हुए, और अपने आपसी विश्वास के आधार पर, दोनों पक्ष एडवांस डिफेंस टेक्नोलॉजी, विनिर्माण और निर्यात में “आत्मनिर्भर भारत” (आत्मनिर्भर भारत) के प्रयासों में फ्रांस की गहरी भागीदारी के लिए रचनात्मक तरीके खोजने पर सहमत हुए हैं, जिसके तहत उद्योगों को भी प्रोत्साहित करना शामिल है।
इसके साथ ही, तेजी से डिजिटल होती दुनिया में, भारत और फ्रांस ने अपनी साइबर सुरक्षा एजेंसियों के बीच सहयोग को मजबूत किया है और इसे आगे ले जाने पर सहमति जताई है। इसके साथ ही दोनों देश साइबर खतरों का मुकाबला करने के लिए साइबर मानदंडों और सिद्धांतों को बढ़ावा देने में शामिल होने के लिए सहमत हैं। इसके साथ ही, शांतिपूर्ण, सुरक्षित और ओपन साइबर स्पेस में योगदान करने की दृष्टि से अपने द्विपक्षीय साइबर डायलॉग को एडवांस करने के लिए सहमत हैं। आपको बता दें कि, इनके अलावा भारत और फ्रांस ने अपने स्टार्ट-अप इको सिस्टम को जोड़ने के लिए कई पहल शुरू की हैं और हाल ही में सार्वजनिक-निजी जुड़ाव का स्वागत करते हुए, अपनी-अपनी सफलताओं के आधार पर, मुक्त, समावेशी और खुले सार्वजनिक डिजिटल बुनियादी इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए मानकों और प्रोटोकॉल के निर्माण पर और साथ काम करने के लिए स्वागत किया है। इसके साथ ही पेरिस में यूरोप के सबसे बड़े डिजिटल मेले ‘विवाटेक’ के इस साल के संस्करण में भारत का पहला देश होगा।
भारत और फ्रांस ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि को आगे बढ़ाने के लिए प्रमुख रणनीतिक साझेदारियों में से एक का निर्माण किया है। दोनों देश एक स्वतंत्र, खुले और नियम-आधारित इंडो-पैसिफिक क्षेत्र को लेकर समान दृष्टिकोण साझा करते हैं, जो अंतरराष्ट्रीय कानून के प्रति प्रतिबद्धता, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए सम्मान, नेविगेशन की स्वतंत्रता और जबरदस्ती, तनाव और संघर्ष से मुक्त क्षेत्र पर आधारित है। अमेरिका पहले से ही इंडो-पैसिफिक में भारत के साथ जुड़ा हुआ है और अब फ्रांस ने भी भारत के साथ जुड़ने का फैसला किया है।
India-France ready to work together in space and defense