योगी सरकार की बुलडोजर कार्रवाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचा जमीयत उलेमा-ए-हिंद

यूपी की संगम नगरी प्रयागराज में शुक्रवार (10 जून) को जुमे की नमाज के बाद हुई हिंसा के बाद अटाला इलाके में सन्नाटा पसरा हुआ है. हिंसा के मास्टरमाइंड जावेद मोहम्मद उर्फ जावेद पंप के मकान पर बुलडोजर की कार्रवाई के बाद तमाम लोग दशहत में हैं. दरअसल लोगों को इस बात का खौफ है कि कभी भी बुलडोजर का मुंह उनके अवैध निर्माणों की तरफ भी हो सकता है.
यही वजह है कि अटाला इलाके में तमाम दुकानदार अवैध बनी अपनी दुकानों का सामान खाली करने में लगे हैं. लोग इस आशंका से डरे हुए हैं कि जावेद मोहम्मद उर्फ जावेद पंप पर कार्रवाई के बाद कभी भी प्रयागराज विकास प्राधिकरण का बुलडोजर उनके इलाके में भी आ सकता है. कार्रवाई के खिलाफ अब मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है. बुलडोजर कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग संबंधी एक याचिका जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की है. जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने अपनी अर्जी में कहा है कि उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना यूपी सरकार कोई भी कार्रवाई नहीं करे.
जुमे की नमाज के बाद उत्तर प्रदेश में अलग अलग स्थानों पर हुई पत्थरबाजी और हिंसा के बाद ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने बयान जारी कर कहा कि आरोपियों के साथ मुजरिम जैसा बर्ताव किया जा रहा है जो कि आतंकवाद और कानून विरोधी है. बोर्ड ने कहा कि पत्थरबाजी करने वालों को पकड़ कर अदालत के सामने पेश करें, अदालत अपना फैसला सुनाएगी. बोर्ड ने मौजूदा कार्रवाई को मुसलमानों के जख्मों पर नमक छिड़कना जैसा करार दिया. बोर्ड के प्रवक्ता मौलाना खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने कहा कि ये कार्रवाई कानून विरोधी है.
Jamiat Ulema-e-Hind reached the Supreme Court against the bulldozer action of Yogi government