कोरोना के नये वेरिएंट के खिलाफ जानें इंडियन वैक्सीन कितनी कारगर?
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विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने दक्षिण अफ्रीका में मिले कोरोना के नए वेरिएंट को ओमिक्रॉन (Omicron) का नाम दिया है. साथ ही इसे ‘वेरिएंट ऑफ कन्सर्न’ श्रेणी में रखा गया है. यानी इसका मतलब ये हुआ कि कोरोना वायरस के इस नए प्रकार को लेकर चिंता जताई गई है और आने वाले दिनों में इस पर खास नज़र रखी जाएगी. जिसके बाद इस नए वेरिएंट ओमिक्रोन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज उच्च स्तरीय बैठक कर रहे है.
नये वेरिएंट के खिलाफ इंडियन वैक्सीन कितनी कारगर?
भारत में 121 करोड़ लोगों को कोरोना की वैक्सीन लग चुकी है। इनमें से 78 करोड़ लोगों को एक डोज और 43 करोड़ लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज दी जा चुकी है। अपने देश में ज्यादातर लोगों को कोविशील्ड और कोवैक्सीन लगाई गई है। ऐसे में बड़ा सवाल उठता है कि कोवैक्सीन और कोविशील्ड कोरोना के नए वेरिएंट से लड़ने में कितना कारगर है? अगर यह कारगर नहीं है तो ऐसे में सरकार का क्या प्लान है, इन तमाम संभावनाओं के बीच पीएम मोदी कोरोना के नए वेरिएंट से लड़ने के लिए हाई लेवल बैठक कर रहे है।
ओमिक्रॉन वेरिएंट से पहले कोरोना का डेल्टा वेरिएंट सामने आया था. कोविशील्ड और कोवैक्सीन इस वेरिएंट से लड़ने में काफी असरदार रहा था. एक अन्य स्टडी के मुताबिक, कोविशील्ड और कोवैक्सीन के दोनों डोज के बीच जब 6-8 सप्ताह का गैप रखा जाता है तब यह ज्यादा कारगर होता है. मेडिकल रिसर्च रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि दोनों वैक्सीन डेल्टा और दूसरे वेरिएंट के खिलाफ बहुत असरदार है. हालांकि वायरस के दक्षिण अफ्रीका वेरिएंट के खिलाफ यह कितना असरदार है इसको लेकर वर्तमान में कोई रिपोर्ट नहीं है। लेकिन, भारतीय वैक्सीन्स को लेकर एक्सपर्ट्स का दावा रहा है कि, ये वेरिएंट को रोकने में कारगर साबित हो सकता है। लिहाजा, भारतीय वैक्सीन को लेकर अभी प्रयोग किया जाना बाकी है।
Know how effective the Indian vaccine is against the new variant of Corona?