LIC ने अब तक इन्वेस्टर्स के डूबोए 87,500 करोड़ रुपये
सरकारी बीमा कंपनी एलआईसी (LIC) को शेयर बाजार (Share Market) में लिस्टिंग के बाद मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. बाजार में 17 मई को डिस्काउंट पर लिस्ट (Discount Listing) होने के बाद ज्यादातर सेशंस में एलआईसी के शेयरों के भाव (LIC Share Price) गिरे हैं. इस सप्ताह तो कंपनी की हालत और खराब होती दिख रही है. शेयरों में गिरावट का सीधा असर कंपनी की वैल्यूएशन (LIC Valuation) पर पड़ा है और इसके आईपीओ (LIC IPO) में पैसे लगाने वाले इन्वेस्टर्स अब तक 87,500 करोड़ रुपये गंवा चुके हैं. लिस्टिंग के बाद पांचवीं सबसे बड़ी कंपनी का दर्जा पाने वाली एलआईसी की वैल्यू अब आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) के एमकैप (MCap) से भी कम हो चुकी है.
बुधवार को बीएसई (BSE) पर गिरकर 810.55 रुपये पर बंद हुआ. कारोबार के दौरान यह एक समय 817 रुपये तक चढ़ा और 808.55 रुपये के निचले स्तर तक गिरा. एलआईसी का ऑल टाइम लो (LIC All Time Low) लेवल 801.55 रुपये है. इस गिरावट के बाद एलआईसी की वैल्यू कम होकर 5,12,672.69 करोड़ रुपये पर आ गई. यह आईसीआईसीआई बैंक के 5,23,353.87 करोड़ रुपये के मार्केट कैप से कम है. इसके साथ ही वैल्यूएशन के हिसाब से एलआईसी अब सातवें नंबर की कंपनी बन गई है.
एलआईसी के आईपीओ के लिए 902-949 रुपये का प्राइस बैंड (LIC IPO Price Band) तय किया गया था. अपर प्राइस बैंड के हिसाब से कंपनी की वैल्यू 6,00,242 करोड़ रुपये थी. अभी इसका एमकैप 5,12,672.69 करोड़ रुपये रह गया है. इस तरह एलआईसी आईपीओ के इन्वेस्टर्स को अब तक 87,569.31 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है. पहले ही दिन एलआईसी के शेयर में 13 फीसदी तक की गिरावट आई थी और यह अंतत: 8.62 फीसदी यानी 81.80 रुपये गिरकर 867.20 रुपये पर सेटल हुआ था. इश्यू प्राइस की तुलना में अभी यह करीब 15 फीसदी गिर चुका है.
इससे पहले कंपनी ने मंगलवार को बताया कि उसने 2021-22 में स्टॉक मार्केट के अपने इन्वेस्टमेंट से 42,000 करोड़ रुपये का प्रॉफिट बुक (LIC Profit Booking) किया. यह साल भर पहले के 36,000 करोड़ रुपये के प्रॉफिट से ज्यादा है. कंपनी के मैनेजिंग डाइरेक्टर राज कुमार (LIC MD Raj Kumar) ने बताया था कि एलआईसी अभी करीब 42 ट्रिलियन रुपये की संपत्ति का प्रबंधन कर रही है और देश की सबसे बड़ी एसेट मैनेजर (Asset Manager) है. इसके अलावा एलआईसी घरेलू शेयर बाजार की सबसे बड़ी इन्वेस्टर भी है. कंपनी कपनी संपत्तियों का करीब 25 फीसदी हिस्सा शेयर बाजार में लगाती है.
LIC has so far sunk Rs 87,500 crore of investors