Lohri Special : देश भर में आज मनाई जाएगी लोहड़ी, जानें इसके बारे में सबकुछ
मुंबई – आज लोहड़ी (Lohri 2022) है। लोहड़ी हर साल मकर संक्रांति (Makar Sankranti) से एक दिन पूर्व मनाई जाती है. मकर संक्रांति उस समय होती है, जब सूर्य देव धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करते हैं. लोहड़ी का त्योहार हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में प्रमुखता से मनाया जाता है. इस दिन लोग एक दूसरे को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हैं.
लोहड़ी मनाने के लिए शुभ मुहूर्त शाम 07:34 बजे से शुरू होगा. शुभ मुहुर्त में खुले स्थान पर लकड़ी, सूखे उपलों का ढेर लगाकर आग जलाएं। उसे अर्ध्य दें, उसमें रेवड़ी, सूखे मेवे, मूंगफली, गजक, नारियल अर्पित करें। फिर इस पवित्र अग्नि की 7 परिक्रमा करें। परिक्रमा करते हुए इसमें रेवड़ी, मूंगफली, तिल आदि अर्पित करते जाएं। इस त्योहार पर सिख और पंजाबी समुदाय के लोग आग जलाकर गेहूं की बालियों, तिल से बनी रेवड़ियों और मूंगफली को अर्पित करते हैं। इसके बाद परिवार और आसपास के लोग मिलकर आग के चारों ओर परिक्रमा करते हैं और गिद्दा-भांगड़ा करके इस दिन को मनाते हैं।
पंजाब में लोहड़ी को तिलोड़ी भी कहा जाता है। ये शब्द तिल और रोड़ी से मिलकर बना है। रोड़ी, गुड़ और रोटी से मिलकर बना पकवान है। लोहड़ी के दिन तिल और गुड़ खाने और आपस में बांटने की परंपरा है। मान्यताओं के अनुसार, दुल्ला भाटी की याद में भी लोहड़ी का त्योहार मनाया जाता है. दुल्ला भाटी ने महिलाओं और बच्चियों को एक अधर्मी व्यापारी से बचाया था, जो महिलाओं और बच्चियों को बेच देता था. उन पर तरह तरह के अत्याचार करता था. दुल्ला भाटी ने उस व्यापारी को अगवा कर उसकी हत्या कर दी थी.
इस दिन का संबंध मन्नत से भी जोड़ा गया है। जिस घर में नई बहू आई होती है या घर में संतान का जन्म हुआ होता है, तो उस परिवार की ओर से खुशी बांटते हुए लोहड़ी मनाई जाती है। सगे-संबंधी और रिश्तेदार उन्हें आज के दिन विशेष सौगात के साथ बधाइयां भी देते हैं। इस खास पर्व को सर्दियों के अंत का प्रतीक भी माना जाता है.
जानिए क्या है लोहड़ी की कहानी
आपको बता दें कि लोहड़ी के त्योहार पर दुल्ला भट्टी की कहानी को खास रूप से सुना जाता है. दुल्ला भट्टी मुगल सम्राट अकबर के शासनकाल के वक्त पर पंजाब में रहता था. मध्य पूर्व के गुलाम बाजार में हिंदू लड़कियों को जबरन बेचने के लिए ले जाने से बचाने के लिए उन्हें आज भी पंजाब में एक नायक के रूप में माना और याद किया जाता है. कहानी में बताया गया है कि उन्होंने जिनको बचाया था उनमें दो लड़कियां सुंदरी और मुंदरी थीं, जो बाद में धीरे-धीरे पंजाब की लोककथाओं का विषय बन गईं थीं.
Lohri Special: Lohri will be celebrated across the country today, know everything about it