महाराष्ट्र : औरंगाबाद और उस्मानाबाद का अभी नहीं बदलेगा नाम
महाराष्ट्र की गद्दी संभालते ही मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे सरकार के निर्णयों पर रोक लगानी शुरू कर दी है। शिंदे ने उद्धव के उस फैसले पर रोक लगा दी है, जिसके तहत औरंगाबाद और उस्मानाबाद का नाम बदला गया था। दरअसल, उद्धव ठाकरे ने अपनी आखिरी कैबिनेट बैठक में औरंगाबाद का नाम संभाजीनगर और उस्मानाबाद का नाम धाराशिव करने का फैसला किया था। इसके अलावा मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का नाम भी डीबी पाटिल रखने की घोषणा की गई थी।
बता दें कि राज्यपाल ने बहुमत परीक्षण को साबित करने के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को एक चिट्ठी लिखी थी। इस चिट्ठी में उन्होंने इस बात पर आपत्ति जताई थी। गवर्नर ने कहा था कि सरकार अल्पमत में है, ऐसे समय में आप लोकलुभावन निर्णय नहीं ले सकते हैं। वहीं, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी यही मुद्दा उस समय उठाया था। सूत्रों ने बताया कि तीनों का नाम बदलने का फैसला राज्य सरकार अब नए सिरे से करेगी।
देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि औरंगाबाद और उस्मानाबाद का नाम बदलना अवैध और जल्दबाजी में लिया गया फैसला है। नाम बदलने का प्रस्ताव बहुमत परीक्षण के सुझाव के बाद पारित किया गया था। एआईएमआईएम सांसद इम्तियाज जलील ने भी औरंगाबाद का नाम बदलने पर आपत्ति जताई थी। उन्होंने इस फैसले के खिलाफ सड़क पर प्रदर्शन की भी चेतावनी दी थी। इम्तियाज जलील ने कहा था कि औरंगाबाद की पूरी दुनिया में ऐतिहासिक पहचान है।
एनसीपी चीफ शरद पवार ने कहा, ‘मुझे नाम बदलने के फैसले के बारे में कैबिनेट की मंजूरी के बाद ही पता चला। चूंकि यह तीन-पक्षीय सरकार है, इसलिए अंतिम निर्णय लेने से पहले प्रस्ताव को एमवीए के सामने लाया जाना चाहिए था। लेकिन शिवसेना ने ऐसा नहीं किया। यह उद्धव ठाकरे का एकतरफा फैसला था।’
कांग्रेस ने आवाज थोड़ी पहले उठाई, लेकिन कैबिनेट बैठक के काफी बाद में। पार्टी के वरिष्ठ सदस्यों ने कहा कि कांग्रेस विधायक दल के नेता बालासाहेब थोराट को स्पष्ट रूप से प्रस्ताव का विरोध करने या कैबिनेट बैठक का बहिष्कार करने का स्पष्ट निर्देश दिया गया था। यह ज्ञात नहीं है कि थोराट, जो एमवीए सरकार में राजस्व मंत्री थे, ने ऐसा कुछ किया या नहीं।
Maharashtra: The names of Aurangabad and Osmanabad will not change yet