VIP सिक्योरिटी ट्रेनिंग मॉड्यूल में बड़ा बदलाव

सलमान रुश्दी हमला, शिंजो आबे मर्डर, मूसेवाला हत्याकांड और अब रूस में पकड़े गए आत्मघाती हमलावर की घटना से सबक लेते हुए भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने वीआईपी सिक्योरिटी ट्रेनिंग माड्यूल में बड़ा बदलाव किया है. पहली बार महत्वपूर्ण लोग जिनकी जान को खतरा है, उनकी सुरक्षा में तैनात कमांडो और बेसिक ट्रेनिंग कोर्स कर रहे सुरक्षा कर्मियों को हेलीबोर्न स्लिदरिंग ऑपरेशन की ट्रेनिंग दी जाएगी. यानि जरूरत पड़ने पर आपातकाल स्थिति में हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल कर हमलावर को पकड़ना या फिर जब वो भाग रहा हो तो उसका रास्ता रोकना.
इस खास वीआईपी सुरक्षा मॉड्यूल को बनाने से पहले भारत और विश्व में इस साल महत्वपूर्ण शख्सियतों पर हुए हमलों का आंकलन किया गया, जिसके बाद इसे बनाया गया. इस ट्रेनिंग मॉड्यूल की सबसे खास बात ये है कि वीआईपी सुरक्षा में तैनात कमांडो से लेकर साधारण सुरक्षाकर्मियों को इसकी ट्रेनिंग दी जाएगी. इसके अलावा वीआईपी के पास मौजूद क्विक रिएक्शन टीम को भी इस ट्रेनिंग प्रोग्राम में शामिल किया गया है. हेलीबोर्न स्लिदरिंग नाम के इस ट्रेनिंग प्रोग्राम में तुरंत हेलीकॉप्टर को जरूरत की जगह बुलाया जाता है, इसमें वीआईपी सुरक्षा में तैनात सुरक्षाबल चढ़ते हैं और फिर रस्सी के सहारे हमलावर की हर चाल को नाकाम करने के लिए जमीन पर उतरते हैं.
ऐसा पहली बार हुआ है जब यह विशिष्ट ट्रेनिंग बेसिक ट्रेनिंग प्रोग्राम का हिस्सा बनी है, जिससे वीआईपी सुरक्षा में हर स्तर के सुरक्षा कर्मियों को आला दर्जे की ट्रेनिंग मिलेगी. इसमें हेलीकॉप्टर को 18 से 50 मीटर तक की ऊंचाई पर ले जाया जाता है और फिर वहां से इस तरीके से सुरक्षाकर्मियों को जरूरत की जगह उतारा जाता है. जंगल में पेड़ और शहरी इलाकों में बिल्डिंग की इमारत ज्यादा ऊंची होती है, इसलिए इतनी ऊंचाई से इनको उतारा जाता है. वीआईपी सुरक्षा ट्रेनिंग मॉड्यूल में पुरुष के साथ-साथ महिलाओं को भी ट्रेनिंग दी जा रही है.
Major changes in VIP security training module