एशिया के सबसे बड़े न्यूक्लियर प्लांट पर मिसाइल अटैक!
यूक्रेन में रूसी-नियंत्रित जापोरिज्जिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र की सैटेलाइट तस्वीर सामने आई है. जिसमें साफ तौर पर हमले की झलक दिख रही है. न्यूक्लियर रिएक्टर के कुछ ही मीटर दूर फ्यूल स्टोर की बिल्डिंग की छत पर मिसाइल अटैक की वजह से हुए छेंद दिख रहे हैं. उन सुरागों को देखकर क्लियर हो रहा है कि यह गोलाबारी के ही हैं. उनके चारों पर गहरे रंग के झुलसने के निशान भी दिख रहे हैं.
रूसी अधिकारियों का कहना है कि यूक्रेन के मिसाइल अटैक की वजह से फ्यूल टैंक की छत क्षतिग्रस्त हो गई है. अगर न्यूक्लियर प्लांट पर मिसाइल गिरी होती तो सबके सामने बहुत ही खतरनाक मंजर होता. बता दें कि रूस और यूक्रेन के बीच पिछले चार महीने से जंग जारी है. इस बीच कई बार रूसी-नियंत्रित जापोरिज्जिया परमाणु ऊर्जा संयंत्र के आसपास गोलाबारी हो चुकी है.
इस मामले को लेकर मास्को और कीव दोनों एक दूसरे पर आरोप लगाते रहे हैं. जापोरिज्जिया एशिया का सबसे बड़ा परमाणु ऊर्जा संयंत्र है. हालांकि इस समय ये रूस के कब्जे में है और यूक्रेन के कर्मचारी इसे चला रहे हैं. वहीं, अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के महानिदेशक राफेल ग्रोसी ने अंतरराष्ट्रीय परमाणु निरीक्षकों के दल के जापोरिज्जिया परमाणु संयंत्र पहुंचने से पहले कीव में उनकी तैयारियों का जायजा लिया. आईएईए के विशेषज्ञों का एक दल यूक्रेन के जापोरिज्जिया परमाणु संयंत्र जा रहा है, जहां विकिरण का रिसाव होने की आशंका है. अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के महानिदेशक राफेल ग्रोसी ने कहा कि उन्हें यूरोप के सबसे बड़े परमाणु संयंत्र की निगरानी के लिए यूक्रेन में एक स्थायी मिशन स्थापित करने की उम्मीद है.
ग्रोसी ने निगरानी मिशन के रवाना होने से पहले स्थिति का मुआयना करते हुए यूक्रेन की राजधानी कीव में कहा, ‘यह काफी जटिल अभियान है. हम युद्ध क्षेत्र में जा रहे हैं. हम कब्जे वाले क्षेत्र में जा रहे हैं और इसके लिए न केवल रूस की बल्कि यूक्रेन गणराज्य से भी स्पष्ट गारंटी की आवश्यकता है.’ उन्होंने कहा, ‘हमने उसे (गारंटी) हासिल कर लिया है…इसलिए अब हम आगे बढ़ रहे हैं.’
यूक्रेन के साथ युद्ध शुरू होने के शीघ्र बाद रूसी सैन्यबलों ने जापोरिज्जिया परमाणु संयंत्र पर कब्जा कर लिया था. यूक्रेन के ऊर्जा मंत्री जर्मन गलुशचेंको ने कहा कि कीव इस क्षेत्र को सैनिकों के कब्जे से मुक्त करने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहायता की मांग करता है. गलुशचेंको ने द एसोसिएटेड प्रेस से कहा कि उन्हें लगता है कि साल के अंत तक संयंत्र को यूक्रेनी सरकार के नियंत्रण में वापस लाने के लिए यह अभियान बेहद महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा, ‘हमें जानकारी मिली है कि वे अब अपनी सैन्य उपस्थिति छिपाने की कोशिश कर रहे हैं, इसलिए उन्हें इसकी भी जांच करनी चाहिए.’
Missile Attack on Asia’s Largest Nuclear Plant!