दिल्ली-तेलंगाना में Monkeypox की दस्तक, दहशत में लोग
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मंकीपॉक्स को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने हेल्थ इमरजेंसी का ऐलान कर दिया है. केरल के बाद अब दिल्ली और तेलंगाना में भी इसके मामले सामने आ चुके हैं. दिल्ली में जो व्यक्ति मंकीपॉक्स से संक्रमित पाया गया है. उसका अंतर्राष्ट्रीय यात्रा का कोई इतिहास नहीं है. इससे पहले केरल में मंकीपॉक्स के तीन मरीज मिल चुके हैं.
ये तीनों ही मरीज यूएई से लौटे थे और वहीं पर ये किसी संक्रमित के संपर्क में आए थे. अब ऐसे समय में यह सवाल खड़ा हो रहा है किया देश में मंकीपॉक्स का कम्युनिटी स्प्रेड शुरू हो गया है।
माना जाता है कि मनुष्य और बंदर के संपर्क में आने पर या चूहे और खरगोश जैसे जानवरों से ये वारस फैलता है. पश्चिम अफ्रीका में पाया गया स्ट्रेन मध्य अफ्रीका के स्ट्रेन की तुलना में कम गंभीर माना जाता है. उन्होंने आगे कहा कि पूरी दुनिया में क्लेड 2 IE अफ्रीकी स्ट्रेन ही फैल रहा है.
संक्रमित होने के पांच दिन के भीतर बुखार, तेज सिरदर्द, सूजन, पीठ दर्द, मांसपेशियों में दर्द और थकान जैसे लक्षण दिखते हैं. मंकीपॉक्स शुरुआत में चिकनपॉक्स, खसरा या चेचक जैसा दिखता है. बुखार होने के एक से तीन दिन बाद त्वचा पर इसका असर दिखना शुरू होता है. शरीर पर दाने निकल आते हैं. हाथ-पैर, हथेलियों, पैरों के तलवों और चेहरे पर छोटे-छोटे दाने निकल आते हैं. ये दाने घाव जैसे दिखते हैं और खुद सूखकर गिर जाते हैं.
Monkeypox knocks in Delhi-Telangana, people in panic