इंदौर में मुन्नाभाई MBBS 3.0 : एग्जाम हॉल में पकड़े गए दो स्टूडेंट
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फिल्म मुन्नाभाई एमबीबीएस में मुख्य किरदार को मेडिकल एग्जाम में मोबाइल से नकल करते दिखाया गया। सोमवार को एमजीएम मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस के पुराने बैच के दो स्टूडेंट ऐसे ही मोबाइल के जरिए नकल करते पकड़े गए। इनमें से एक ने तो मुन्नाभाई का भी रिकॉर्ड तोड़ दिया। इस छात्र ने नकल के लिए माइक्रो ब्लू टूथ डिवाइस को डॉक्टर से कान में फिट करा लिया था, ताकि बाहर से नजर ही न आए।
उसे पकड़ने वाली टीम भी कान से ब्लू टूथ निकाल नहीं पाई। यूनिवर्सिटी ने दोनों छात्रों का केस बनाने के साथ एमजीएम कॉलेज को भी नोटिस जारी किया है।
परीक्षा शुरू होने के 65 मिनट बाद दोनों स्टूडेंट्स को यूनिवर्सिटी के गोपनीय विभाग की उप कुलसचिव रचना ठाकुर की टीम ने पकड़ा। हद तो ये रही कि एग्जाम हॉल में 20 स्टूडेंट थे, लेकिन इन पर नजर रखने के लिए सिर्फ एक टीचर था। मोबाइल अंदर कैसे पहुंचा इसका जवाब किसी के पास नहीं है।
दरअसल, देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी से मेडिकल कॉलेज व उसके छात्र चार साल पहले ही जबलपुर की मेडिकल यूनिवर्सिटी में शिफ्ट हाे चुके हैं। ये पुराने बैच के वे छात्र हैं, जाे एटीकेटी या फेल हाेने की वजह से पास नहीं हाे पाए, इसलिए इन्हें डी-बैच के छात्र कहा जाता है। यह इनका फाइनल एग्जाम है। इन्हें पास हाेने पर डीएवीवी से ही डिग्री मिलेगी। नकल प्रकरण अब कमेटी के पास भेजा जाएगा।
छात्र ने मोबाइल छिपाकर रखा था। चेकिंग के दौरान मोबाइल चालू मिला। पूछताछ में पता चला कि कान में माइक्रो ब्लू टूथ लगा हुआ है। छात्र ने ही बताया कि उसने किसी डॉक्टर से सर्जिकल ब्लू टूथ लगवाया, ताकि बाहर से नजर न आए। दूसरे छात्र ने भी माइक्रो डिवाइस लगा रखी थी। छात्र ने जिस डॉक्टर से सर्जिकल ब्लू टूथ लगवाया, उससे भी जवाब मांगा जा सकता है। पूरे परीक्षा हॉल में सिर्फ एक महिला ऑब्जर्वर थीं। बाकी ड्यूटी पर काेई नहीं था। अब यूनिवर्सिटी प्रशासन कॉलेज काे नोटिस जारी कर जवाब मांगेगा, क्योंकि सिर्फ महिला ऑब्जर्वर हाेने के कारण छात्रों की चेकिंग नहीं हाे पाई और वे मोबाइल लेकर चले गए। नियमानुसार वहां पुरुष व महिला ऑब्जर्वर होना चाहिए थे।
Munnabhai MBBS 3.0 in Indore: Two students caught in the exam hall