रूस की मिसाइल पोलैंड में गिरने से मचा हड़कंप, NATO ने बुलाई इमर्जेंसी बैठक
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रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के बीच एक बड़ी खबर सामने आ रही है. रूस की एक मिसाइल यूक्रेन बॉर्डर के पास NATO के सदस्य देश पोलैंड में गिर गई है और इससे दो लोगों की मौत की भी खबर है. हालांकि, रूस ने पोलैंड में इस तरह के किसी भी मिसाइल हमले से इनकार किया है. लेकिन इसे लेकर NATO ने इमर्जेंसी बैठक बुलाई है और रूसी दूत को तलब किया है.
कहा जा रहा है कि रूस के मिसाइल वाली घटना अगर सही साबित होती है तो ये युद्ध अब अलग रूख अख्तियार कर सकता है. क्योंकि पोलैंड पर हमले का मतलब नाटो क्षेत्र में रूस ने जंग छेड़ दिया है. पोलैंड NATO का मेंबर है और नाटो सदस्य रूस की इस गलती को माफ नहीं करेंगे. यह दावा करते हुए कि देश में एक रूसी निर्मित मिसाइल गिर गई, जिससे दो नागरिकों की मौत हो गई.पोलिश सरकार ने रूस के राजदूत को तलब किया है. एक बयान में, पोलिश विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लुकाज़ जसीना ने इस घटना पर रूस को “तत्काल विस्तृत स्पष्टीकरण” देने को कहा है.
“15 नवंबर 2022 को, रूसी संघ के सशस्त्र बलों द्वारा यूक्रेन के पूरे क्षेत्र और इसके महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे में घंटे भर भारी गोलाबारी की गई. दोपहर 3:40 बजे, रूस निर्मित एक मिसाइल यूक्रेन से सटे पोलैंड के एक गांव पर गिरा दी गई, पोलिश मीडिया ने बताया कि यूक्रेन के साथ लगती सीमा के पास एक गांव में एक मिसाइल के गिरने से दो लोगों की मौत हो गई. मिसाइल ऐसे इलाके में गिरी जहां अनाज सुखाया जा रहा था.
रूसी रक्षा मंत्रालय ने रिपोर्टों को खारिज करते हुए कहा कि उसकी सेना ने यूक्रेनी-पोलिश सीमा क्षेत्र को निशाना बनाते हुए कोई हमला नहीं किया है. यूक्रेन की सीमा के पास देश के पूर्वी हिस्से में हुए विस्फोट के बाद पोलिश राष्ट्रपति आंद्रेज डूडा ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और ब्रिटिश प्रधान मंत्री ऋषि सुनक दोनों के साथ बात की.
नाटो के महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने कहा है कि नाटो गठबंधन “स्थिति की निगरानी” कर रहा है और नाटो की आपातकालीन बैठक बुलाई गई है. कई मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि नाटो प्रमुख ब्रसेल्स में बुधवार को गठबंधन के 30 सदस्य देशों की एक “आपातकालीन बैठक” की अध्यक्षता करेंगे.
सीएनएन ने अधिकारियों का हवाला देते हुए बताया कि यूक्रेनी सीमा के पास विस्फोट के बाद, पोलैंड कुछ सैनिकों की मुकाबले के लिए तत्परता बढ़ाएगा और नाटो सैन्य गठबंधन संधि के अनुच्छेद 4 को सक्रिय करने पर विचार कर रहा है. सैन्य गठबंधन के अनुच्छेद 4 के अनुसार, नाटो सदस्य “जब भी उनमें से किसी की राय में, क्षेत्रीय अखंडता, राजनीतिक स्वतंत्रता या किसी भी पक्ष की सुरक्षा को खतरा होता है, तो वे एक साथ परामर्श करते हैं.”
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