नई शिक्षा नीति को मंजूरी
![New education policy 2020 announced](https://hastagkhabar.com/wp-content/uploads/2020/07/New_Education_Policy.jpg)
बुधवार को एक अहम फैसले के तहत केन्द्र सरकार ने नई शिक्षा नीति को मंजूरी दे दी है। पिछले 34 वर्षों में शिक्षा नीति में कोई तव्दीली नहीं की गई थी, इस नाते इस फैसले को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इसके साथ ही मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम अब शिक्षा मंत्रालय कर दिया गया है।एक प्रेस वार्ता में केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने इसकी घोषणा की।
स्कूली शिक्षा में बदलाव
- नयी शिक्षा नीति में सरकार ने छात्रों के लिए नया पाठ्यक्रम तैयार करने का प्रस्ताव है।
- इसके तहत 3 से 18 साल के छात्रों के लिए 5+3+3+4 का डिजाइन तय किया गया है।
- छात्रों की शुरुआती स्टेज की पढ़ाई के लिए 5 साल का प्रोग्राम तय किया गया है… इनमें 3 साल प्री-प्राइमरी और क्लास 1 और 2 को जोड़ा गया है।
- इसके बाद क्लास 3, 4 और 5 को अगले स्टेज में रखा गया है।
- क्लास 6, 7, 8 को भी तीन साल के प्रोग्राम में बांटा गया है।
- आखिर में क्लास 9, 10, 11, 12 को हाई स्टेज में रखा गया है।
बच्चों के लिए विशेष प्रावधान
- कक्षा 6 के बाद से ही वोकेशनल को जोड़ा जाएगा।
- नई नेशनल क्यूरिकुलम फ्रेमवर्क तैयार किया जाएगा, जिसमें ईसीई, स्कूल, टीचर्स और एडल्ट एजुकेशन को जोड़ा जाएगा।
- बच्चों के रिपोर्ट कार्ड में लाइफ स्किल्स को जोड़ा जाएगा।
- वर्ष 2030 तक हर बच्चे के लिए शिक्षा सुनिश्चित की जाएगी।
- स्कूली शिक्षा से निकलने के बाद हर बच्चे के पास कम से कम एक लाइफ स्किल होगी।
उच्च शिक्षा में सुधार
- उच्च शिक्षा में अब मल्टीपल इंट्री और एग्जिट का विकल्प दिया जाएगा।
- उच्च शिक्षा संस्थानों में प्रवेश के लिए कॉमन एंट्रेंस एग्जाम का ऑफर दिया जाएगा, लेकिन यह संस्थानों के लिए अनिवार्य नहीं होगा।
- पांच साल के इंटीग्रेटेड कोर्स करने वालों को एमफिल नहीं करना होगा।
- कॉलेजों के एक्रेडिटेशन के आधार पर ऑटोनॉमी दी जाएगी। मेंटरिंग के लिए राष्ट्रीय मिशन चलाया जाएगा।
- हायर एजुकेशन के लिए एक ही रेग्यूलेटर रहेगा। अभी इसमें यूजीसी, एआईसीटीई शामिल हैं। हालांकि इसमें लीगल एवं मेडिकल एजुकेशन को शामिल नहीं किया जाएगा।
- सरकारी और निजी विश्वविद्यालयों को लिए शिक्षा मानक समान रहेंगे।
- नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (एनआरएफ) की स्थापना होगी जिससे रिसर्च और इनोवेशन को बढ़वा मिलेगा।
- शिक्षा (टीचिंग, लर्निंग और एसेसमेंट) में तकनीकी को बढ़ावा दिया जाएगा।
- तकनीकी के माध्यम से दिव्यांगजनों में शिक्षा को बढ़ावा दिया जाएगा।
- ई-कोर्सेस आठ प्रमुख क्षेत्रीय भाषाओं में विकसित किये जाएंगे।
- नेशनल एजुकेशनल टेक्नोलॉजी फोरम (एनईटीएफ) की स्थापना की जाएगी।
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का ड्राफ्ट 2019 में ही तैयार कर लिया गया था, जिसकी मंजूरी 29 जुलाई 2020 को दी गयी है। बता दें कि इससे पहले 1986 में राष्ट्रीय शिक्षा नीति बनाई गई थी और 1992 में संशोधित की गई थी। पिछली नीति तैयार हुए तीन दशक से अधिक समय बीत चुका है।