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सचिन पायलट गुट को राजस्थान हाईकोर्ट की तरफ से राहत मिल गई है। कोर्ट ने यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है। इसका मतलब ये हुआ कि विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी… पायलट समेत 19 विधायकों को फिलहाल अयोग्य करार नहीं दे पाएंगे। हालांकि, अन्य मामलों को लेकर अभी भी हाईकोर्ट में सुनवाई रहेगी और आगे की सुनवाई में इस मामले के कानून पर चर्चा की जाएगी।
आगे क्या होगा?
अब ये मामला सुप्रीम कोर्ट में तय होगा, क्योंकि स्पीकर ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। स्पीकर की दलील थी कि हाईकोर्ट उन्हें अयोग्यता कार्यवाही करने से नहीं रोक सकता। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लोकतंत्र में असहमति के स्वर दबाए नहीं जा सकते…और इस मामले में हाईकोर्ट फैसला दे सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने अगली सुनवाई 27 जुलाई को तय की है। ऐसे में बागी विधायकों के भविष्य इस बात पर निर्भर रहेगा कि स्पीकर की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का क्या रुख होता है।
कैसे बच गये पायलट?
फैसला आने के थोड़ी देर पहले पाय़लट खेमे ने एक दांव चला… जो सचिन पाय़लट और उनके कैंप के लिए फायदेमंद साबित हुआ। बागी विधायकों की तरफ से कोर्ट में अपील की गई कि इस मामले में केंद्र को भी एक पक्षकार बनाया जाए ताकि यह तय हो सके कि हमारा कदम दलबदल रोधी कानून के तहत आता है या नहीं। पायलट गुट की इस अपील को कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। अब कोर्ट केंद्र का पक्ष भी सुनेगा….और तब तक के लिए यथास्थिति को बरकरार रखेगा।
अब तक क्या हुआ?
- 14 जुलाई – स्पीकर ने सचिन पायलट सहित 19 विधायकों को अयोग्यता का नोटिस दिया और 17 जुलाई को दोपहर 1:30 बजे तक जवाब मांगा।
- 16 जुलाई – नोटिस के खिलाफ पायलट सहित 19 विधायक हाईकोर्ट चले गए। पीछे-पीछे व्हिप चीफ महेश जाेशी ने सरकार की तरफ से कैविएट लगा दी कि कोई भी फैसला किए जाने से पहले उनका पक्ष भी सुना जाए।
- 17 जुलाई – हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने सुनवाई की और मामला दो जजों की बेंच में भेजा। इस बेंच ने 18 जुलाई को सुनवाई तय की।
- 18 जुलाई – अगली सुनवाई 20 जुलाई तय की और स्पीकर से कहा कि वे 21 जुलाई तक नोटिस पर कार्रवाई नहीं करें।
- 21 जुलाई – हाईकोर्ट ने फिर मामले को सुना और फैसला 24 जुलाई के लिए सुरक्षित रख लिया। स्पीकर को भी तब तक के लिए कोई निर्णय नहीं करने के लिए कहा।
- 22 जुलाई – स्पीकर सीपी जोशी द्वारा हाइकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई गई।
- 23 जुलाई – सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान हाईकोर्ट की सुनवाई को रोकने से इनकार कर दिया।
अब क्या करेंगे गहलोत?
हाईकोर्ट के फैसले के बाद सीएम अशोक गहलोत जल्द ही विधानसभा सत्र बुलाने की तैयारी कर रहे हैं। फैसले के बाद अशोक गहलोत ने आरोप लगाया कि ऊपर के दबाव की वजह से राज्यपाल विधानसभा सत्र बुलाने का निर्देश नहीं दे रहे हैं। वैसे राज्यपाल ने उन्हें आज दोपहर को मुलाकात का समय दिया। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने सभी विधायकों के साथ बस में बैठकर राजभवन पहुंचे और राज्यपाल से मिलकर विधानसभा का सत्र बुलाने की अपील की।
बीजेपी का क्या है स्टैंड?
राजस्थान में जारी उठापटक के बीच बीजेपी के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने बड़ा बयान दिया है। पूनिया ने कहा है कि कांग्रेस के बागी नेता सचिन पायलट में योग्यता भी है और वे परिस्थितिवश सीएम बन सकते हैं। हालांकि पूनिया… सचिन पायलट को बीजेपी के समर्थन के सवाल को टाल गये। वैसे उन्होंने कहा कि सचिन पायलट के एक्शन के बाद ही हम इस बारे में कुछ विचार करेंगे।
राजस्थान में सीटों का समीकरण
राजस्थान में विधानसभा की 200 सीटें हैं और किसी भी दल को सरकार बनाने के लिए 101 विधायकों की जरूरत है। फिलहाल कांग्रेस ने 102 विधायकों की सूची राज्यपाल को सौंपी है। यानी पार्टी के पास निर्दलीय, बीटीपी, सीपीएम को मिलाकर कुल 102 विधायक हैं। वहीं, सचिन पायलट गुट के पास कुल 19 विधायक हैं और सूत्रों के मुताबिक उन्हें 3 निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन हासिल है। वहीं, बीजेपी गठबंधन के पास 75 विधायक है।
क्या है संभावना?
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत विधानसभा में अपना बहुमत साबित करने की कोशिश करेंगे और सदन की कार्यवाही शुरु होने पर विधायकों के लिए व्हिप जारी करेंगे। ऐसे में बागी विधायकों को… या तो कांग्रेस का समर्थन करना पड़ेगा या फिर पार्टी की सदस्यता छोड़ने पड़ेगी। इन्हें अगर इस आधार पर अयोग्य घोषित किया गया, तो अशोक गहलोत आसानी से सदन में बहुमत साबित कर सकेंगे। लेकिन अगर अंदरुनी भीतरघात की वजह से अशोक गहलोत बहुमत साबित नहीं कर पाए…तो बीजेपी के समर्थन से सचिन पायलट मुख्यमंत्री बन सकते हैं। यानी राजनीति की इस बिसात पर अभी कई चालें बाकी हैं।