काबू में नहीं कोरोना!

दुनिया भर में कोरोना वायरस का संक्रमण लगातार बढ़ता ही जा रहा है। कोरोना से अब तक संक्रमित मरीजों की संख्या 40 लाख से ज्यादा हो गई है, जबकि मरनेवालों की संख्या 2 लाख 80 हजार के करीब पहुंच गई है। इससे सबसे ज्यादा प्रभावित देश यूएसए है, जहां 13 लाख से ज्यादा लोग कोरोना का शिकार हो चुके हैं, और इनमें से करीब 80 हजार लोगों की जान जा चुकी है।
- अमेरिका में 106 दिन पहले कोरोना का पहला मामला सामने आया था। उसके बाद से अब तक 12 लाख से ज्यादा लोग इस वायरस की चपेट में आ चुके हैं।
- करीब 100 दिनों में अमेरिका में कोरोना वायरस की वजह से करीब 80 हजार लोगों की जानें जा चुकी हैं।
- व्हाइट हाउस में दो स्टाफ के कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद, कई उच्च अधिकारी आइसोलेशन पर चले गये हैं।
- पिछले एक हफ्ते में ब्राजील और रुस में कोरोना के सबसे ज्यादा मामले सामने आये हैं।
- दक्षिण कोरिया और चीन के वुहान में भी फिर से नये मामले सामने आने की खबर है।
आईये एक नजर डालते हैं, दुनिया के 10 सबसे ज्यादा प्रभावित देशों की स्थिति पर –
क्रम | देश | संक्रमित मरीज | मौत |
1. | यूएसए | 13,09,541 | 78,794 |
2. | स्पेन | 2,23,578 | 26,478 |
3. | इटली | 2,18,268 | 30,395 |
4. | यूके | 2,16,525 | 31,662 |
5. | रूस | 1,98,676 | 1,827 |
6. | फ्रांस | 1,76,782 | 26,313 |
7. | जर्मनी | 1,71,324 | 7,549 |
8. | ब्राजील | 1,56,061 | 10,656 |
9. | तुर्की | 1,37,115 | 3,739 |
10. | ईरान | 1,06,220 | 6,589 |
कहां हो रही हैं सबसे ज्यादा मौतें?

आंकड़ों से साफ है कि बेल्जियम में कोरोना से संक्रमित लोगों की मौत का प्रतिशत सबसे ज्यादा 16.4% है, जबकि जर्मनी में ये केवल 4.4% है। इसी वजह से जर्मनी में संक्रमित मरीजों की संख्या ज्यादा होने के बावजूद, मौतें ज्यादा नहीं हुई हैं। भारत के लिए ये आंकड़ा 3.3% है, जिसे कम ही माना जाएगा।
भारत में क्या है स्थिति?
भारत में कोरोना संक्रमण की रफ्तार थमने का नाम नहीं रही है। देश में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस के 3277 नए मामले सामने आए हैं और कोविड-19 से 127 लोगों की मौत हुई है। रविवार को जारी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, देशभर में कोरोना वायरस के मामले बढ़कर 62,939 हो गए हैं और कोविड-19 से अब तक 2109 लोगों की मौत हो चुकी है। चलिए देखते हैं, इस मामले में देश के टॉप 10 राज्यों में क्या है ताज़ा स्थिति –
क्रम | राज्य | संक्रमित मरीज | मौत |
1. | महाराष्ट्र | 20,228 | 779 |
2. | गुजरात | 7,796 | 472 |
3. | दिल्ली | 6,542 | 71 |
4. | तमिलनाडु | 6,535 | 44 |
5. | राजस्थान | 3,708 | 106 |
6. | मध्य प्रदेश | 3,614 | 215 |
7. | उत्तर प्रदेश | 3,373 | 74 |
8. | आंध्र प्रदेश | 1,930 | 44 |
9. | प. बंगाल | 1,786 | 171 |
10. | पंजाब | 1,762 | 31 |
जैसा कि इन आंकड़ों से दिखता है, देश में कोरोना के 70-80 फीसदी मामले सिर्फ चार राज्यों महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली और तमिलनाडु में दर्ज हुए हैं। वहीं कोरोना संक्रमण के मौत के मामले में 60 फीसदी से ज्यादा मौतें महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल में हुई हैं। ये आंकड़े सिर्फ कोरोना का क्षेत्रीय विस्तार ही नहीं बताते, बल्कि राज्य सरकारों की इसे संभालने और काबू कर पाने की क्षमता की ओर भी इशारा करते हैं। जाहिर है, संक्रमण के कम फैलाव के बावजूद, ज्यादा संख्या में मरीजों का मरना, मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल की स्वास्थ्य सुविधाओं की कमियां उजागर करता है। बाकी राज्यों को भी इससे सबक लेना होगा, और अपने यहां की व्यवस्था जल्द ठीक करनी होगी।
वैसे, जिस तरह से लगातार संक्रमण के मामले आ रहे हैं, उससे दो बातें तो बिल्कुल साफ हैं- एक, दुनिया भर में कोरोना अभी अपने पीक पर नहीं पहुंचा है, और दूसरे देशों और राज्यों में इसके फैलने की रफ्तार अलग-अलग है। जहां तक भारत की बात है, तो यहां लॉकडाउन की वजह से कोरोना की रफ्तार कम जरुर हुई, लेकिन खत्म नहीं हुई। धीरे-धीरे ही सही, ये पूरे देश में फैलता जा रहा है और इस पर काबू पाने में कई महीने लगेंगे। सबसे बड़ी समस्या ये है कि दुनिया के किसी भी कोने में अगर कोरोना वायरस है, तो दूसरे देश के लोग चैन से नहीं बैठ सकते। इसलिए मान कर चलिए कि अगले कुछ महीनों तक जिन्दगी ऐसी ही चलनेवाली है, लॉकडाउन के साथ भी और लॉकडाउन के बाद भी।