Noida : बिल्डरों को SC से झटका, 40 हजार फ्लैटों की रजिस्ट्री का रास्ता हुआ साफ
सुप्रीम कोर्ट से मंगलवार को नोएडा-ग्रेनो के बिल्डरों को बड़ा झटका लगा। बिल्डरों की रिकॉल याचिका खारिज कर दी गई है। सुप्रीम कोर्ट से बिल्डरों ने 8 फीसदी ब्याज दर बहाल करने की मांग की थी। ऐसे में नोएडा-ग्रेनो प्राधिकरण के 19301 करोड़ रुपये बकाया की वसूलने का रास्ता साफ हो गया है। इससे नोएडा-ग्रेनो के 40 हजार फ्लैट खरीदारों की रजिस्ट्री भी हो सकेगी। बिल्डरों के बकाया चुकाने के बाद यह दोनों काम आसानी से हो सकेंगे।
हालांकि, अब बिल्डरों को प्राधिकरणों के बकाये पर ज्यादा ब्याज देना होगा। दरअसल, बिल्डरों व प्राधिकरणों के बीच तीन वर्षों से ब्याज के मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है। पहले मामले में कोर्ट ने बिल्डरों के हक में फैसला सुनाते हुए करीब 10-12 वर्षों के बकाये पर सामान्य ब्याज लगाने का आदेश दिया था। इस फैसले के खिलाफ दोनों प्राधिकरणों ने संशोधन की अपील की। यह मामला करीब डेढ़ वर्ष चला। इस दौरान कोर्ट ने करीब एक वर्ष तक फैसला सुरक्षित रखा। आखिर में दिए गए फैसले में प्राधिकरणों के पक्ष में फैसला सुनाते हुए 11 से 14 प्रतिशत तक ब्याज वसूलने पर फैसला सुनाया। इस फैसले के खिलाफ एक बार फिर बिल्डरों का ग्रुप सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया और रिकॉल याचिका दायर की।
इस पर मंगलवार को सुनवाई के दौरान जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने कहा कि एस ग्रुप ऑफ कंपनीज सहित कंपनियों के विभिन्न समूहों ने अलग-अलग हस्तक्षेप आवेदन दायर किए हुए हैं। यह किसी भी तरह से आम्रपाली के मामले जैसे नहीं है, जिस मामले में कोर्ट ने संज्ञान लिया था। इस मामले में दूसरी कंपनियों के अन्य समूहों की याचिकाओं पर गौर नहीं किया जा सकता है। कोर्ट ने इस पर भी सुनवाई की और अब मंगलवार को याचिका निरस्त कर दिया। अब याचिका निरस्त होने के बाद प्राधिकरणों की ओर से बिल्डरों से 19301 करोड़ रुपये बकाया की वसूली तेज होगी।
प्राधिकरणों का कहना है कि बिल्डर चाहें तो किस्तों में बकाया भुगतान की पॉलिसी को अपना सकते हैं। इसके अलावा प्रति फ्लैट रजिस्ट्री कराने के लिए बनाए गए नियम को अपनाते हुए रजिस्ट्री कराने के लिए आगे आ सकते हैं। इसमें समय विस्तार के लिए दिए जाने वाले शुल्क में भी छूट पा सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट की ओर से दूसरी बार दिए गए प्राधिकरणों के पक्ष में फैसले के बाद बकाये की गणना कराई गई थी। इसके अलावा बिल्डरों को एक-एक कर प्राधिकरण बुलाया गया और उनसे बकाया चुकाने की अपील की गई। हालांकि, उसी दौरान बिल्डरों का ग्रुप एक बार फिर कोर्ट चला गया और यह बातचीत बंद हो गई।
नोएडा-ग्रेनो में 1.10 लाख फ्लैट ऐसे हैं जिनमें कुछ न कुछ काम बचा हुआ है।
ऐसे फ्लैटों की रजिस्ट्री का काम तब शुरू हो सकता है जब इनके अधूरे काम पूरे किए जाएं और कंप्लीशन सर्टिफिकेट लेते समय बकाया रकम चुकाई जाए। हालांकि्र कोर्ट का मामला हल होने के बाद अब पूरा फोकस बकाया वापसी पर होगा, जिसके बाद रजिस्ट्री आदि हो सकेगी।
Noida: Shock to builders from SC, way cleared for registry of 40,000 flats