अब बिना वैक्सीनेशन वाले छात्र भी जा सकेंगे स्कूल : चंडीगढ़ प्रशासन का फैसला

चंडीगढ़ प्रशासन ने कोविड-19 का टीका नहीं लगवाने वाले 12 से 18 साल की उम्र के छात्रों के 4 मई से फिजिकल क्लासेज अटेंड करने पर रोक लगा दी थी. मगर अब प्रशासन ने अपना यह फैसला वापस ले लिया है. दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि किसी व्यक्ति को टीकाकरण के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है. लिहाजा प्रशासन को अपना निर्णय बदलना पड़ा. इस बारे में चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा नोटिफिकेशन जारी हो चुका है. अब छात्र कोरोना वैक्सीनेशन के बिना भी स्कूल में प्रवेश कर सकेंगे. इससे अभिभावकों और छात्रों को काफी राहत मिली है.
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मंगलवार को चंडीगढ़ प्रशासन के सलाहकार धर्म पाल ने स्वास्थ्य सचिव के साथ कोरोना संक्रमण की पॉजिटिविटी रेट और वैक्सीनेशन की स्थिति पर विस्तार से चर्चा की. प्रशासन की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि इस आयु वर्ग के बच्चों में फिलहाल कोरोना संक्रमण और उसका फैलाव बेहद कम है, इसलिए टीका नहीं लगवाने वाले 12-18 साल के छात्र भी फीजिकल क्लासेज अटैंड कर सकते हैं. धर्मपाल ने यह भी कहा कि कोविड टीकाकरण वैकल्पिक है, फिर भी प्रशासन का यह कर्तव्य है कि वह नागरिकों को इसके लाभों के बारे में शिक्षित और सूचित करें.
धर्म पाल ने चंडीगढ़ के सभी शिक्षकों से बच्चों को कोविड टीकाकरण के बारे में शिक्षित करने की अपील की है. उन्होंने सभी माता-पिता और अभिभावकों से भी निवेदन किया कि वे अपने बच्चों को बिना किसी देरी के टीका लगवाएं. गौरतबल है कि पिछले रविवार को चंडीगढ़ प्रशासन ने फैसला किया था कि कोविड वैक्सीन नहीं लेने वाले 12 से 18 वर्ष के छात्रों को 4 मई से स्कूल में प्रवेश नहीं मिलेगा. इसके बाद अभिभावकों ने चंडीगढ़ प्रशासन से अपने निर्देशों पर फिर से विचार करने का अनुरोध किया था. इसी बीच सोमवार को सुप्रीम कोर्ट का आदेश आ गया और प्रशासन ने अपने फैसले की समीक्षा की.
चंडीगढ़ प्रशासन ने 12 से 14 साल के बच्चों के लिए 15 मई तक शत-प्रतिशत कोविड टीकाकरण का लक्ष्य रखा है. इसके लिए चंडीगढ़ प्रशासन की तरफ से अगले 11 दिनों तक विशेष अभियान चलाया जाएगा. इसके लिए सेक्टरों और स्कूलों में कैंप भी लगाए जाएंगे. साथ ही स्कूल की तरफ से भी बच्चों और अभिभावकों को जागरूक करने का निर्देश दिया गया है.
Now students without vaccination will also be able to go to school: Chandigarh Administration’s decision