Haryana में लागू हो सकता है ऑड-ईवन फॉर्मूला
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दिल्ली के साथ-साथ NCR में भी प्रदूषण जानलेवा स्तर पर पहुंच गया है। गुरुग्राम में भी हालत लगातार बिगड़ते जा रहे, जिसको देखते हुए हरियाणा सरकार वहां पर ऑड ईवन फार्मूला लागू करने पर विचार कर रही है। बुधवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने गुरुग्राम में इस बात की जानकारी दी। इसके अलावा प्रदूषण कम करने के विकल्प तलाशने के लिए उनकी ओर से इंजीनियरों, गुरुग्राम नगर निगम आयुक्त और डीसी की एक समिति भी तैयार की गई है।
दरअसल सीएम खट्टर बुधवार ने गुरुग्राम के सेक्टर-44 स्थित अपैरल हाउस में आयोजित ग्रीवेंस कमेटी बैठक की अध्यक्षता की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदूषण की खतरनाक होती स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने पूरी ताकत झोंक दी है। इसी दिशा में एक कमेटी बनाई गई है जिसमें नगर निगम गुरुग्राम के आयुक्त व जिला उपायुक्त के अलावा संबंधित विभागों के अधिकारी एवं इंजीनियर्स शामिल किए गए हैं।
बुधवार को गुरुग्राम पहुंचे मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि पॉल्यूशन की समस्या गंभीर है। यह समस्या नई नहीं बल्कि, पिछले कई वर्षों से हम झेल रहे हैं। इसका सीधा असर आमजन के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है। सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार स्कूल-कॉलेज के अलावा अन्य शिक्षण संस्थान और कुछ ओद्योगिक इकाईयों को भी बंद किया गया है।
साथ ही कोयला से संबंधित उद्योग और अन्य उद्योगों पर भी फैसला लेने के निर्देश दिए जा चुके हैं। याद हो कि शीर्ष अदालत ने कहा था कि प्रदूषण को कंट्रोल करने को लेकर सिर्फ बैठक हो रही है, ठोस उपाय नहीं हो रहे हैं। कोर्ट ने कहा था कि प्रदूषण कैसे कम हो इस पर ठोस उपाय किया जाना चाहिए। शीर्ष अदालत ने कहा था कि लोगों को सार्वजनिक वाहनों का विकल्प उपलब्ध कराएं। कुछ दिन के लिए प्राइवेट गाड़ियों पर रोक क्यों ना लगा दी जाए।
इस मुद्दे पर मंगलवार को अदालत में हरियाणा सरकार की तरफ से कहा गया कि आयोग की तरफ से जो भी सुझाव दिया गया था उसे लागू किया गया। हरियाणा सरकार के वकील ने कहा था कि आगे जो भी आदेश दिया गया उसका पालन किया जाएगा। पराली के मुद्दे पर कहा गया था कि मुख्य सचिव और जिलाधिकारियों का जायजा लिया जा रहा है, ताकि इन 2 हफ्तों में पराली न जलाई जा सके।
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