Kangna ranaut:हर शहर में एक बदनाम औरत होती है!
वह एक ऐसा वृत्तांत ऐसी किंवदंती होती है
जिसे एक समूचा शहर गढ़ता और संशोधित-संवर्द्धित करता चलता है(हर शहर में एक बदनाम औरत होती है- विष्णु खरे)
मुंबई के पाली हिल में कंगना रनौत (Kangna ranaut) के दफ्तर में बीएमसी की तोड़-फोड़ के बाद हिमाचल के सीएम से महाराष्ट्र के राज्यपाल को क्यों सामने आना पड़ा ?
अगर आप मुंबई में नहीं रहते तो हमदर्द और सिरदर्द के तौर पर बीएमसी और शिवसेना की ताकत का आप अंदाजा भी नहीं लगा सकते।
संदेश ये है कि एक मूवी के 20 करोड़ वसूलने वाली जिस कंगना ( Kangna ranaut) को केंद्र सरकार चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के बराबर सुरक्षा देती है, महाराष्ट्र सरकार की नजर में उस कंगना के लिए मुंबई की हवा ABOVE PAYGRADE है…और शिवसेना के लिए वो एक नामालूम गरीब महिला है जिसकी झुग्गी हमारी मुन्सिपाल्टी कभी भी उखाड़ सकती है ।
पाली हिल के दफ्तर के छज्जा टूटने से बीजेपी और विरोधी पार्टियों के बीच का वो 6 साल पुराना नैरेटिव बदल गया है, जिसमें अपनी चुनी हुई सरकार को बचाने की विपक्ष की हर कोशिश के दौरान ईडी, इनकमटैक्स या सीबीआई का छापा एक अनिवार्य शर्त बन गया था। दो करोड़ के मलबे और मुआवजे की मांग से पहली बार ये बात सामने आई है कि अगर आप गैर-बीजेपी राज्य में बीजेपी के समर्थक हैं तो शायद इसकी भी एक कीमत है जो आपको चुकाने के लिए तैयार रहना चाहिए।
जिस मुंबई पुलिस पर कंगना (Kangna ranaut) को भरोसा नहीं है, वो उनसे मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को अपमानित करने वाले बयान और ड्रग एंगल को लेकर पूछताछ करने को बेताब है। ट्विटर पर #Kangna vs sanjayraut से झांसे मे मत आइए…ये लड़ाई प्यादों की नहीं है…ये सेंटर वर्सेज स्टेट है, बीजेपी वर्सेज अदर्स है।
बिहार इलेक्शन के लिए बीजेपी के पास रिया है तो सिविक इलेक्शन के लिए शिवसेना के पास कंगना है …मुंबई को पीओके और मुंबई पुलिस पर अविश्वास वाले उनके बयान हैं…
अब न्यू नार्मल ये है कि जिस रिया को मीडिया ने ट्रायल से पहले ही कसूरवार करार दे दिया है, उसे बंगाल कांग्रेस के नए मुखिया अधीर रंजन चौधरी बंगाल की बेटी बता रहे हैं, वहीं सरकार बचाने के दौरान ईडी के छापों से परेशान राजस्थान के भरतपुर में अयोध्या के लिए पत्थर ले जा रहे 25 ट्रक जब्त कर लिए गए …केंद्र सरकार की कृपा से अडाणी को पहले भी छह एयरपोर्ट अलॉट हुए थे, लेकिन अब केरल की वाम मोर्चा सरकार त्रिवेंद्रम एयरपोर्ट अडाणी को सौंपे जाने की खुलकर मुखालफत कर रही है और झारखंड की गैरबीजेपी सरकार खानों को लेकर केंद्र सरकार की नई नीति के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है।
अब न्यू नार्मल ये है कि अरनब गोस्वामी को छूट है कि वो ‘पूछता है भारत’ कार्यक्रम में उद्धव ठाकरे पर निशाना साधें, और साथ ही रायगड पुलिस की गिरफ्त में आए अपने तीन साथियों के बेल के लिए चिरौरी करें, TAM के लिए,, ROM से बड़े यूनिवर्स मुंबई में केबल नेटवर्क में बने रहने के लिए मिन्नतें करें और एसेंबली में बुलाए जाने पर पेश हों।
कंगना (Kangna ranaut) एक बेहतरीन अदाकारा हैं… एक दिन वो समझ पाएंगी कि जहां एक्टिंग अपने चरम पर पहुंच कर सिनेमा में खत्म होती है, वहां से राजनीति में कास्टिंग की शुरूआत होती है।