राफेल, पेगासस और अब नोटबंदी के मुद्दे पर विपक्ष नाकाम, SC के फैसले से बढ़ा भाजपा का हौसला
बीते छह साल से मोदी सरकार के खिलाफ अहम सियासी मुद्दा रहे नोटबंदी पर भी विपक्ष को मुंह की खानी पड़ी। मोदी सरकार के दो कार्यकाल में विपक्ष ने करीब आधा दर्जन मुद्दों को हवा दी लेकिन उसे सुप्रीम कोर्ट में हर बार नाकामी का सामना करना पड़ा। नोटबंदी से पहले विपक्ष को पेगासस जासूसी कांड, गुजरात दंगे में पीएम नरेंद्र मोदी को एसआईटी से मिली क्लीनचिट, जस्टिस लोया की मौत, धनशोधन मामले में प्रवर्तन निदेशालय को मिले विशेष अधिकार, सामान्य वर्ग आरक्षण जैसे मामले में फैसला मोदी सरकार के पक्ष में आया।
नोटबंदी के हक में आया सुप्रीम कोर्ट का फैसला भाजपा और मोदी सरकार के लिए बेहद अहम है। करीब छह साल पहले लिए गए इस निर्णय के खिलाफ कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत कई विपक्षी दल सरकार के खिलाफ लगातार मोर्चा खोले रहे। इसे लगातार असांविधानिक बताया। सुप्रीम कोर्ट में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम लगातार दलील देते रहे। हालांकि अब शीर्ष अदालत ने इससे जुड़ी सभी 58 याचिकाओं को खारिज करते हुए कहा कि इस फैसले में कोई त्रुटि नहीं है।
वर्ष 2022 में अदालती मोर्चे पर विपक्ष को चार अहम मामलों में मोदी सरकार के समक्ष शिकस्त झेलनी पड़ी। इनमें गुजरात दंगा में पीएम मोदी को एसआईटी से मिली क्लीनचिट, पेगासस जासूसी मामला, ईडी को धनशोधन मामले में विशेष अधिकार और सामान्य वर्ग को सरकारी नौकरी में दस फीसदी आरक्षण का मामला शामिल है। इन सभी मामलों में शीर्ष अदालत ने विपक्ष की ओर से दी गई दलीलें ठुकरा दी।
नोटबंदी के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट की मुहर के बाद मिशन 2024 के लिए भाजपा के हौसले बुलंद हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा, विपक्ष जानबूझकर भ्रष्टाचारियों को बचाने के लिए लगातार अदालत को गुमराह करने की नाकाम कोशिश करता रहा है। शीर्ष अदालत के फैसले से साफ हुआ है कि नोटबंदी का फैसला गरीबों के हक और भ्रष्ट लोगों के खिलाफ लिया गया था।
गुजरात दंगों में पीएम मोदी को क्लीनचिट
गुजरात में 2002 में हुए सांप्रदायिक दंगा मामले में विपक्ष बीते दो दशक से पीएम मोदी की भूमिका पर सवाल खड़ा करता रहा है। इस मामले में गठित एसआईटी ने जब पीएम को क्लीनचिट दी तो यह मामला शीर्ष अदालत पहुंचा। शीर्ष अदालत ने न सिर्फ क्लीनचिट को सही ठहराया, बल्कि याचिका दायर करने वाली कुछ हस्तियों के खिलाफ जांच के भी निर्देश दिए। बाद में इस मामले में कुछ गिरफ्तारियां भी हुई।
राफेल सौदा मामले में भी झटका
फ्रांस से राफेल लड़ाकू विमान सौदा मामले में सीधे पीएम मोदी पर विपक्ष ने भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। हालांकि जब यह मामला शीर्ष अदालत पहुंचा तो आरोप लगाने वालों को फटकार झेलनी पड़ी। साल 2019 के अंत में आए फैसले में तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की पीठ ने कहा कि सौदे की खरीद प्रक्रिया में कोई खामी नहीं है। वायुसेना को ऐसे विमानों की जरूरत है। मोटे तौर पर सौदे में पूरी प्रक्रिया अपनाई गई है।
पेगासस जासूसी
बीते साल मोदी सरकार पर इस्राइली स्पाइवेयर के जरिए जासूसी का आरोप लगा। हालांकि तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश एनवी रमण की अगुवाई वाली पीठ ने मोदी सरकार को क्लीनचिट दे दी। पीठ ने कहा कि जिन 29 मोबाइल की जांच की गई, उनमें से 5 में मैलवेयर पाया गया। इससे यह साबित नहीं होता कि ये पेगासस स्पाइवेयर है।
जस्टिस लोया मामला
महाराष्ट्र में निचली अदालत के जज रहे जस्टिस बीएच लोया की मौत मामले में भी मोदी सरकार और खासकर गृह मंत्री अमित शाह विपक्ष के निशाने पर रहे। हालांकि 2018 में शीर्ष अदालत की पीठ ने जस्टिस लोया की मौत को सामान्य मौत माना और स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराने की याचिकाएं खारिज कर दी। पीठ ने कहा कि इस मामले में चार जजों के बयानों पर संदेह का कोई कारण नहीं है।
आर्थिक आधार पर आरक्षण
बीते लोकसभा चुनाव से पूर्व सामान्य वर्ग को आर्थिक आधार पर 10% आरक्षण को भी विपक्ष ने मुद्दा बनाया, लेिकन सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में भी मोदी सरकार के फैसले को उचित ठहराया।
ईडी को कुर्की का अधिकार
इसी साल प्रवर्तन निदेशालय को धनशोधन मामले में कुर्की व गिरफ्तार करने के अधिकार को भी शीर्ष अदालत में चुनौती दी गई। विपक्ष ने आरोप लगाया कि ईडी के सियासी इस्तेमाल करने के लिए उसे ऐसे अधिकार दिए गए हैं। हालांकि शीर्ष अदालत ने इस मामले में भी मोदी सरकार के फैसले को उचित ठहराया।
नोटबंदी के अहम पड़ाव
8 नवंबर, 2016 : पीएम नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संदेश में 500 और 1000 रुपये के नोट पर रोक लगाने की घोषणा की।
9 नवंबर, 2016 : सुप्रीम कोर्ट में सरकार के फैसले को चुनौती दी गई।
16 दिसंबर, 2016 : तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर की पीठ ने मामले को पांच न्यायाधीशों की बड़ी पीठ के पास भेजा।
28 सितंबर, 2022 : सुप्रीम कोर्ट ने नोटबंदी के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई के लिए जस्टिस एसए नजीर की अध्यक्षता में संविधान पीठ का गठन किया।
7 दिसंबर, 2022 : सुप्रीम कोर्ट ने नोटबंदी पर फैसले को सुरक्षित रखा और केंद्र व आरबीआई को इसके अवलोकन के लिए प्रासंगिक दस्तावेज को रिकॉर्ड पर रखने का निर्देश दिया।
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