झारखंड में पान मसालों पर बैन
झारखंड सरकार ने एक अहम फैसले में पान मसाले की बिक्री, भंडारण और विनिर्माण पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। राज्य के खाद्य संरक्षा आयुक्त ने जन स्वास्थ्य के हित में रजनीगंधा, विमल, पान पराग सहित 11 ब्रांड के पान मसाला को 12 महीने के लिए प्रतिबंधित कर दिया। इस तरह झारखंड पान मसालों पर प्रतिबंध लगानेवाला देश का तीसरा राज्य बन गया है। इसके अलावा महाराष्ट्र और बिहार में भी पान मसालों पर बैन है।
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बुलाई गई उच्चस्तरीय बैठक में इससे संबंधित फैसला लिया गया था। जिसके बाद विभिन्न जिलों से सैंपल लिए गये और इस तरह प्राप्त 41 पान मसाला के नमूनों की जांच में मैग्निशियम कार्बोनेट की मात्रा पाई गई। इस आधार पर राज्य के खाद्य संरक्षा आयुक्त डॉ नितिन मदन कुलकर्णी ने राज्य के 11 ब्रांडों के पान मसाला (रजनीगंधा, विमल, शिखर, पान पराग, दिलरुबा, राजनिवास, सोहरत, मुसाफिर, मधु, बहार, पान पराग प्रीमियम) पर प्रतिबंध लगा दिया है। पान मसाला के लिए फ़ूड सेफ्टी एक्ट 2006 में दिए गए मानक के मुताबिक मैग्नीशियम कार्बोनेट मिलाया जाना प्रतिबंधित है। आपको बता दें कि मैग्निशियम कार्बोनेट से हृदय की बीमारी सहित विभिन्न प्रकार की बीमारियाँ होती है। इसलिए जन स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए फिलहाल एक वर्ष के लिए ये प्रतिबंध लगाया गया है।
झारखंड में तम्बाकू नियंत्रण हेतु राज्य सरकार की तकनीकी सहयोग संस्थान, सोशियो-इकोनॉमिक एंड एजुकेशनल डेवलेपमेन्ट सोसाइटी (सीड्स) के कार्यपालक निदेशक दीपक मिश्र ने इसे राज्य सरकार का एक साहसिक कदम बताया है। इन्होंने बताया कि GATS 2 के सर्वे में झारखंड में तम्बाकू सेवन करने वाले लोगों का प्रतिशत 38.9% है। जिसमें चबानेवाले तम्बाकू का सेवन करने वालों का प्रतिशत 34.5% है, जो राष्ट्रीय औसत से बहुत ज्यादा है। इनके मुताबिक अगर इस प्रतिबंध को राज्य में सही ढंग से लागू किया जाए, तो सूबे में तम्बाकू सेवन करने वालों के प्रतिशत में और कमी आएगी।