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पीएम संग सीएम, कोरोना का रोना

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पीएम संग सीएम, कोरोना का रोना

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देश में 25 मार्च से जारी लॉकडाउन के बाद कोरोना से निबटने के लिए क्या किया जाए, इसे लेकर सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक की। बैठक में पीएम ने 17 मई को 54 दिनों के लॉकडाउन खत्म होने के बाद, कोरोना से निबटने के लिए उठाए जाने वाले कदमों पर चर्चा की। प्रधानमंत्री ने सभी राज्यों से इस संबंध में 15 मई तक अपने सुझाव देने का आग्रह किया है।

पीएम ने क्या कहा?

  • हमारे सामने दो चुनौतियां हैं – इस बीमारी के संक्रमण की दर घटाना और दिशानिर्देशों का पालन करते हुए सार्वजनिक गतिविधियों को धीरे-धीरे बढ़ाना।
  • जब तक हम टीका या हल नहीं ढूंढ़ नहीं लेते, तब तक एक-दूसरे से दूरी बनाकर रखना ही कोरोना वायरस से लड़ने के लिए हथियार है।
  • हमें समझना होगा कि दुनिया कोविड-19 के बाद बदल गयी है। अब दुनिया विश्वयुद्ध की भांति ही कोरोना पूर्व, कोरोना बाद, के रूप में होगी। और , हम कैसे काम करते हैं, उसमें कई अहम बदलाव होंगे।
  • मेरा दृढ़ मत है कि लॉकडाउन के पहले तीन चरणों में जिन उपायों की जरूरत थी, वे चौथे में जरूरी नहीं हैं।
  • कोविड-19 के साथ लड़ाई में सभी मुख्यमंत्रियां को सहयोग के लिए धन्यवाद। आप सभी से अनुरोध है कि 15 मई तक आप बताएं कि हरेक अपने-अपने राज्य में लॉकडाउन को कैसे संभालना चाहता है।
  • मैं चाहता हूं कि लॉकडाउन के दौरान और उसमें क्रमिक ढील के बाद चीजों से कैसे निपटेंगे, उसका आप ब्लूप्रिंट बनाएं। राज्यों के सुझावों के आधार पर ही आगे का रास्ता तय होगा।

मुख्यमंत्रियों ने क्या कहा?

लॉकडाउन इस महीने के अंत तक बढ़ाया जाए। सामान्य रेल सेवा बहाल करना भी उचित नहीं। प्रवासी बिहारियों को वापस घर लाने के लिए और ट्रेनें दी जाएं। हर दिन 10 हजार लोगों के सैम्पल टेस्ट करने के लिए मशीन और किट दिए जाएं।

नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री, बिहार

उनकी सरकार कोरोना वायरस के इस संकट काल में केन्द्र के हर फैसले के साथ है। वह केन्द्र के हर परामर्श का अक्षरशः पालन करती आ रही है। केन्द्र सरकार की ओर से मनरेगा में दी जाने वाली मजदूरी और श्रमिकों को दिये जाने वाले कार्यदिवस में बढ़ोतरी की जाए।

हेमंत सोरेन, मुख्यमंत्री, झारखंड

तमिलनाडु में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए 31 मई तक ट्रेन सेवाओं की अनुमति न दें।

के.पलानीस्वामी, मुख्यमंत्री, तमिलनाडु

एक तरफ तो केंद्र चाहता है कि लॉकडाउन को कड़ाई से लागू किया जाए जबकि दूसरी तरफ वह ट्रेन सेवाएं बहाल कर रहा है और भू-सीमाएं खोल रहा है। लॉकडाउन को जारी रखने की क्या तुक है जब रेलवे, भू-सीमाएं और अन्य क्षेत्रों को खोलने की इजाजत दी जाती है? यह विरोधाभासी है।

ममता बनर्जी, मुख्यमंत्री, पश्चिम बंगाल

लॉकडाउन को आगे बढ़ाया जाए। साथ ही लॉकडाउन से बाहर निकलने के लिए सावधानीपूर्वक रणनीति बनाई जाए और राज्यों को वित्तीय सहयोग दिया जाए।

अमरिंदर सिंह, मुख्यमंत्री, पंजाब

राष्ट्रीय राजधानी में निषिद्ध क्षेत्रों को छोड़कर, बाकी इलाकों में आर्थिक गतिविधियों की अनुमति दी जानी चाहिए।

अरविंद केजरीवाल, मुख्यमंत्री, दिल्ली

आपात सेवाओं के कर्मचारियों के लिए मुंबई में लोकल ट्रेन सेवाएं शुरू की जाएं। इस महीने या जून और जुलाई में भी कोरोना वायरस के मामले चरम पर होने की आशंका है। इसलिए लॉकडाउन पर कोई कार्रवाई सावधानी से की जानी चाहिए।

उद्धव ठाकरे, मुख्यमंत्री, महाराष्ट्र

राज्य सरकारों को अपने राज्यों के भीतर आर्थिक गतिविधियों से निपटने के बारे में निर्णय लेने का अधिकार मिलना चाहिए।

भूपेश बघेल, मुख्यमंत्री, छत्तीसगढ़

रेल, सड़क और हवाई यातायात की अनुमति दी जानी चाहिए, लेकिन बहुत कड़ी निगरानी में।

पिनाराई विजयन, मुख्यमंत्री, केरल

इनके अलावा इस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू समेत कई मुख्यमंत्री इस बैठक में शामिल हुए।

Shailendra

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