मन की बात, जन की बात!
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जुलाई महीने के आखिरी रविवार को ‘मन की बात’ कार्यक्रम के जरिए जनता को संबोधित किया। पीएम मोदी ने इसमें करगिल दिवस, पाकिस्तान, कोरोना वायरस, आत्मनिर्भर भारत और असम-बिहार की बाढ़ का जिक्र किया।
पीएम मोदी के मन की अहम बातें
- करगिल दिवस के मौके पर पीएम मोदी ने सबसे पहले पाकिस्तान पर निशाना साधा। मोदी ने कहा कि पाकिस्तान ने पीठ पर छुरा घोंपा था। इसने बड़े-बड़े मंसूबे पालकर भारत की भूमि हथियाने और अपने यहां चल रहे आन्तरिक कलह से लोगों का ध्यान भटकाने को लेकर दुस्साहस किया था।
- कोरोना को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि ये अभी खत्म नहीं हुआ है और हमें सावधानी बरतते हुए आगे काम करना होगा। पिछले कुछ महीनों में पूरे देश ने कोरोना से एकजुट होकर जिस तरह मुकाबला किया है उसने अनेक आशंकाओं को गलत साबित कर दिया है। भारत अपने लाखों देशवासियों का जीवन बचाने में सफल भी रहा है।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना योद्धाओं के हौसले को भी नमन किया। उन्होंने कहा, ‘हमें ध्यान रखना है कि कोरोना अभी भी उतना ही घातक है जितना पहले था। जब भी मास्क से परेशानी महसूस हो तो उन डॉक्टर्स-नर्सों का स्मरण कीजिए जो हम सब के जीवन को बचाने के लिए 10 घंटे तक मास्क लगाए रखते हैं।’
- मोदी बोले कि कोरोना काल में ग्रामीण क्षेत्रों ने देश को दिशा दिखाई। पीएम मोदी ने जम्मू के एक सरपंच का उदाहरण देते हुए कहा, ‘जम्मू में त्रेवा ग्राम पंचायत है, वहां की सरपंच हैं बलबीर कौर जी। मुझे बताया गया कि बलबीर कौर जी ने अपने क्षेत्र में 30 बेड का एक क्वारंटीन सेंटर बनवाया। इतना ही नहीं, बलबीर कौर जी खुद अपने कंधे पर स्प्रे पंप टांगकर, स्वयंसेवकों के साथ मिलकर पूरी पंचायत में सैनिटाइजेशन का काम भी करती हैं।’
- इसी तरह जेतूना बेगम ने अपनी पंचायत में कोरोना से जंग के साथ रोजगार के अवसर पैदा किए। फ्री मास्क, फ्री राशन बांटा। फसलों के बीज दिए ताकि खेती में दिक्कत न आए। अनंतनाग में मोहम्मद इकबाल ने सैनिटाइजेशन के लिए खुद ही स्प्रेयर मशीन बना ली।
- पीएम मोदी ने कहा कि 15 अगस्त यानी स्वतंत्रता दिवस पर देशवासी इस बार कोरोना से आजादी और आत्मनिर्भर बनने की कसम खाएं। आत्म निर्भर भारत का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि कई लोग और संस्थाएं इस बार रक्षाबंधन को अलग तरीके से मनाने का अभियान चला रहे हैं। कई लोग इसे Vocal for local से भी जोड़ रहे हैं, जो कि सही है।
- मोदी ने बिहार के कुछ युवाओं का जिक्र किया, जो पहले सामान्य नौकरी करते थे। फिर वे मोती की खेती करने लगे। वे इससे अब काफी कमाई कर रहे हैं। मोदी ने कहा कि बिहार की मधुबनी पेंटिंग वाले मास्क मशहूर हो रहे हैं। मोदी ने उन बांस की बोतलों, टिफिन बॉक्स का भी जिक्र किया… जिन्हें नॉर्थ ईस्ट के लोग बना रहे हैं।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात में बाढ़ का भी जिक्र किया। मोदी बोले कि कोरोना काल में बाढ़ असम और बिहार के लिए नई चुनौती बनकर आई है। मोदी ने कहा कि आपदा से प्रभावित लोगों के साथ पूरा देश खड़ा है।
- मोदी ने बताया कि सात समंदर पार छोटा सा देश सूरीनाम है। भारत के लोग सैकड़ों सालों पहले वहां गए, अब एक चौथाई से अधिक भारतीय मूल के हैं। भारतवंशी चंद्रिका प्रसाद ही वहां के राष्ट्रपति भी हैं। चंद्रिका प्रसाद संतोखी ने साल 2018 में आयोजित एक कॉन्फ्रेंस में शपथ की शुरूआत वेद मंत्रों के साथ की।
- पीएम मोदी ने बोर्ड परीक्षा में अच्छे नंबर लानेवाली छात्रा, हरियाणा की कृतिका नांदल से बात की। इसके बाद मोदी ने केरल के विनायक से बात की और पूछा कि हाउ इज द जोश। विनायक ने कहा हाई सर। पीएम मोदी ने यूपी के उस्मान सैफी से भी बात की।
मन की बात के जरिए पीएम मोदी का यह देश के नाम 67वां संबोधन है। मोदी हर महीने के आखिर रविवार को मन की बात करते हैं। इस कार्यक्रम को लेकर विपक्षी दलों की ओर से अक्सर तीखी प्रतिक्रिया आती रही है और उनका सुझाव है कि प्रधानमंत्री मन की बातें करने के बजाए काम की बातें करें, तो ज्यादा बेहतर होगा। वैसे, पीएम मोदी के जनता से जुड़ने का और अपनी बात रखने का ये तरीका काफी कारगर साबित हुआ है।