शहबाज शरीफ और शी जिनपिंग से मिल सकते हैं PM मोदी
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पूर्वी लद्दाख में चीनी आक्रामकता और एलएसी पर जारी तनाव के बीद सभी की निगाहें 15 और 16 सितंबर को समरकंद में एससीओ शिखर सम्मेलन पर टिकी हुई है, जहां भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच मुलाकात को लेकर संभावनाएं जताई जा रही हैं। हालांकि, बीते कुछ महीनों से भारत ने चीन को लेकर काफी सख्त रवैया अपना रहा है, लिहाजा सवाल ये उठ रहे हैं, कि क्या पीएम मोदी, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात करेंगे?
एससीओ की यह बैठक संभावनाओं से भरी हुई है, क्योंकि दोनों नेताओं ने 7 जुलाई 2017 को हैम्बर्ग में जी-20 शिखर सम्मेलन से इतर एक त्वरित बैठक में मुलाकात की थी और दोनों नेताओं के बीच की गई वो बैठक डोकलाम तनाव के ठीक बात हुई थी। भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच आखिरी आमने-सामने की बैठक 13 नवंबर 2019 को ब्राजील की राजधामी ब्रीसीलिया में हुई थी, जब दोनों नेताएं ने ब्रिक्स सम्मेलन में भाग लिया था, लेकिन उसके बाद अलग अलग प्लेटफॉर्म पर हुए वर्चुअल बैठक में तो दोनों नेता शामिल हुए हैं, लेकिन आमने-सामने की बैठक नहीं हो पाई है और इस दौरान दोनों देशों के बीच के संबंध में काफी गिरावट आई है और जब पीएलए ने 5 मई 2020 को पैंगोंग त्सो के उत्तरी तट पर और फिर गालवान, खुगरंग में जमीनी स्थिति को बदलने की कोशिश की, तो 17 मई 2020 को पूर्वी लद्दाख सेक्टर में नाला, गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स में तनाव भड़क उठा, जो जून महीने में हिंसक झड़प में तब्दील हो गया।
भारत इस साल एससीओ की बैठक की मेजबानी करने वाला है और भारत से पहले उज्बेकिस्तान एससीओ की मेजबानी कर रहा था। लिहाजा, पीएम मोदी, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन सहित एससीओ के सभी नेताओं के साथ बातचीत करेंगे और यहां तक कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के साथ भी पीएम मोदी की मुलाकात भी संभव है। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर 29-29 जुलाई को एससीओ के विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेने के लिए अगले सप्ताह समरकंद जाने वाले हैं और उनकी इस यात्रा के बाद साफ हो जाएगा, कि एससीओ की बैठक को लेकर क्या भारत क्या कदम उठाने वाला है।
PM Modi may meet Shehbaz Sharif and Xi Jinping