छपार मेले पर होनेवाली राजनीतिक रैलियां रद्द, अकाली दल और AAP का फैसला, मालवा की कई सीटों पर होगा असर
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पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 के लिए काफी अहम माने जाते छपार मेले में इस बार राजनीतिक रैलियां नहीं हो रहीं। पंजाब के किसान संगठनों की तरफ से सुनाए गए फैसले के बाद राजनीतिक पार्टियों ने मेले में रैलियां न करने का फैसला लिया गया है।
चुनाव से पहले यह फैसला काफी अहम है। शिरोमणी अकाली दल बादल की तरफ से इसका ऐलान कर दिया गया है। जबकि आम आदमी पार्टी (AAP) ने भी यह रैलियां नहीं करने का फैसला लिया है, हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।
दूसरी तरफ, कांग्रेस की ओर से भी इस पर अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। ध्यान रहे कि इस मेले में पूरे मालवा से लोग आते हैं और यहां राजनीतिक रैलियां न होने का प्रभाव भी केवल लुधियाना की 14 विधानसभा सीटों पर नहीं, बल्कि मालवा की कई सीटों पर पड़ेगा।
बता दें कि प्रत्येक वर्ष 20 सितंबर को लुधियाना के गांव छपार में मेला लगता है। इसी दिन सभी राजनीतिक पार्टियों की तरफ से सभाएं की जाती हैं और वह अपनी बात लोगों के बीच रखते हैं। चुनाव में मात्र 6 माह का समय ही बचा है। ऐसे में राजनीतिक पार्टियों के लिए इस बार यह मेला काफी अहमियत रखता था। क्योंकि इसका प्रभाव केवल लुधियाना की 14 विधानसभा सीटों पर ही नहीं, बल्कि मालवा की कई सीटों पर पड़ेगा। पिछले साल भी यह रैलियां कोरोना वायरस की वजह से नहीं हो पाई थीं।
दिल्ली में चल रहे संयुक्त किसान मोर्चा के संघर्ष के बीच रविवार को 32 किसान संगठनों ने सभी राजनीतिक पार्टियों के साथ बैठक की थी। इस दौरान किसानों ने सभी दलों के नुमाइंदों को नसीहत दी थी कि वह चुनाव आचार संहिता लगने तक किसी भी तरह की राजनीतिक हलचल न करें। इससे यहां कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे संघर्ष को नुकसान होगा और ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों की एकजुटता भी भंग होगी। इसके बाद लगभग सभी पार्टियों ने ही अपनी राजनीतिक सभाए बंद कर दी हैं और नेता अन्य तरीकों से लोगों के बीच जा रहे हैं।
Political rallies to be held on Chhapar fair canceled, Akali Dal and AAP’s decision will affect many seats in Malwa