China के शीआन शहर में फिर लॉकडाउन की तैयारी, कोरोना नहीं कोई और बीमारी है इसका कारण
चीन के एक शहर में फिर से लॉकडाउन लगाने की तैयारी है। दरअसल, शीआन शहर ने इन्फ्लूएंजा फैलने की स्थिति में लॉकडाउन के उपयोग पर विचार करने का एलान किया है। चीन में इन्फ्लूएंजा के मामलों में पिछले एक हफ्ते में अचानक वृद्धि हुई है। सबसे ज्यादा असर उत्तर-पश्चिमी शहर शीआन में देखने को मिला है। शीआन की आबादी लगभग 1.3 करोड़ है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, लगातार छह हफ्तों से पॉजिटिविटी रेट में बढ़ोतरी जारी है। ब्लूमबर्ग के अनुसार, चाइनीज सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ने कहा कि फ्लू की पॉजिटिवीटी रेट पिछले सप्ताह के 25.1 फीसदी से बढ़कर इस सप्ताह 41.6 फीसदी हो गया है।
जब चीन में कोरोना के मामले कम हो रहे हैं, फ्लू के मामले बड़ी संख्या में लोगों को बीमार कर रहे हैं। बच्चों के बीमार पड़ने और एंटीवायरल दवा की कमी के कारण चीन भर के कई स्कूलों ने कक्षाओं को निलंबित कर दिया है। वहीं सबसे ज्यादा प्रभावित शहर शीआन ने संक्रमण में वृद्धि को रोकने के लिए लॉकडाउन लगाने की घोषणा की है।
शीआन शहर में लगने वाला लॉकडाउन ठीक वैसा ही है जैस कोरोना पर अंकुश लगाने के लिए इस्तेमाल किया गया था। इसमें स्थिति की गंभीरता को देखते हुए चार चरणों में पाबंदियों को लगाने की योजना है। सामुदायिक प्रसार खतरनाक स्तर पर पहुंचने की स्थिति में लॉकडाउन लगाए जाने की बात कही गई है। हालांकि, लॉकडाउन कई मायनों में स्वैच्छिक भी होगा। एक रिपोर्ट के मुताबिक, स्थिति खराब होने पर शहर के अधिकारी संक्रमित क्षेत्रों को बंद कर सकते हैं, यातायात क्वारंटीन किया जा सकता है और उत्पादन और व्यावसायिक गतिविधियों को निलंबित किया जा सकता है। इसके बाद भीड़भाड़ वाले स्थान जैसे शॉपिंग मॉल, थिएटर, पुस्तकालय, संग्रहालय, पर्यटन केंद्र आदि बंद होंगे।
इस आपातकालीन स्तर पर, सभी स्तरों पर स्कूलों और नर्सरी को बंद कर दिया जाएगा। इसके अलावा छात्रों और शिशुओं की स्वास्थ्य स्थितियों पर नजर रखने की जिम्मेदारी भी इन्हीं की होगी।
पिछले साल दिसंबर में सरकार ने सभी कोविड प्रतिबंधों को हटा दिया था। लेकिन फ्लू के प्रकोप को रोकने के लिए लॉकडाउन लगाने की घोषणा का अब लोगों ने विरोध करना शुरू कर दिया है। इसकी वजह से चीन की सोशल मीडिया वेबसाइटों पर कई यूजर्स के बीच चिंता और विरोध देखा गया। लोगों ने कहा कि यह लॉकडाउन सख्त जीरो कोविड पॉलिसी के समान है।
इन्फ्लुएंजा वायरस फ्लू की तरह ही संक्रामक बीमारी का कारण है। ये चार अलग-अलग प्रकार के होते हैं: ए, बी, सी और डी। इन्फ्लुएंजा ए को अलग-अलग उपप्रकारों में वर्गीकृत किया गया है और उनमें से एक H3N2 है। अमेरिका की संयुक्त राज्य रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) के अनुसार, 1968 की फ्लू महामारी का कारण H3N2 ही था। तब इसके कारण दुनिया भर में लगभग दस लाख लोगों की मौत हुई थी और अकेले अमेरिका में लगभग एक लाख लोग मारे गए थे। यही इन्फ्लुएंजा इस वक्त चीन की नई मुश्किल बना हुआ है।
भारत के केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि देश में एच3एन2 के बढ़ते मामलों को लेकर पिछले सप्ताह समीक्षा बैठक भी की थी। राज्यों को अलर्ट रहने और स्थिति की बारीकी से निगरानी के लिए एडवाइजरी जारी की गई थी। उन्होंने इस दौरान कहां की केंद्र सरकार स्थिति से निपटने के लिए राज्यों के साथ काम कर रही है और स्वास्थ्य उपायों के लिए तत्पर है।
Preparation for lockdown again in China’s Xi’an city, not corona but some other disease is the reason