सेकंड डोज के 6 महीने बाद ही बूस्टर शॉट लगाने की तैयारी, अब नहीं करना होगा इंतजार
भारत कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज और बूस्टर खुराक के बीच नौ महीने के अंतर पर फिर से विचार कर रहा है। जो लोग विदेश यात्रा करने वाले हैं और जिन देशों ने अपने यहां आने वाले यात्रियों के लिए तीसरा शॉट जरूरी कर दिया है, ऐसे मामलों में यह अंतर घटाया जा सकता है। मामले के जानकार लोगों का कहना है कि दूसरी और तीसरी खुराक के अंतर को घटाकर छह महीने किया जा सकता है।
यह मामला सरकार के विशेषज्ञ पैनल की ओर से चर्चा किए गए कई मुद्दों में से एक है, जो बूस्टर खुराक से संबंधित मामलों को देख रहा है। सभी पात्र लोगों के लिए भी इस अंतर को लगभग छह महीने करने पर विचार किया जा रहा है। कई देशों ने हाल ही में केंद्र सरकार को इस अंतर को कम करने का सुझाव दिया है, क्योंकि बूस्टर खुराक मांगना शुरू कर दिया गया है। ऐसे में रोजगार, शिक्षा, व्यवसाय या घूमने के लिए विदेश यात्रा करने के इच्छुक लोगों के लिए बाधा खड़ी हो रही है।
कुछ विशेषज्ञों ने कहा है कि मौजूदा नौ महीनों के अंतर को कम करने से बूस्टर ड्राइव में तेजी आएगी, जो वर्तमान में पिछड़ रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, 1 मई तक 105.8 मिलियन लोग बूस्टर खुराक के लिए पात्र थे (जिन्हें 1 अगस्त, 2021 तक टीके के दोनों शॉट मिले थे) लेकिन केवल 28.3 मिलियन ने ही इसे लिया है। सरकार का विशेषज्ञ सलाहकार पैनल, टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (NTAGI) इस संबंध में सिफारिशें करने के लिए उपलब्ध सबूतों को देख रहा है।
मामले के जानकारी एक सरकारी अधिकारी ने कहा, “एनटीएजीआई यह पता लगाने के लिए डेटा देख रहा है कि क्या मौजूदा नौ महीनों के अंतर को कम करना अच्छा है। वे उन लोगों को प्राथमिकता दे सकते हैं जिन्हें यात्रा के उद्देश्य से तत्काल बूस्टर की आवश्यकता है, क्योंकि कई देशों ने इसे यात्रा के लिए इसे आवश्यक बना दिया है। हालांकि, अंतिम फैसला तकनीकी पैनल के विशेषज्ञों की राय के आधार पर होगा।”
Preparation to apply booster shot only after 6 months of second dose, no longer have to wait