राष्ट्रपति चुनाव : द्रौपदी मुर्मू Vs यशवंत सिन्हा, होगी टक्कर
एनडीए ने राष्ट्रपति पद के लिए द्रौपदी मुर्मू के नाम का ऐलान कर दिया है। द्रौपदी के नाम के ऐलान के साथ ही राष्ट्रपति के चुनाव में एनडीए का रास्ता काफी आसान हो गया है। असल में बीजेडी ने पहले ही संकेत दे दिए थे कि अगर राष्ट्रपति के रूप में मुर्मू का नाम आता है तो वह विरोध नहीं करेगी। इसीलिए बीजेडी ने विपक्ष द्वारा राष्ट्रपति चुनाव को लेकर आयोजित बैठक से भी दूरी बनाई थी। असल में मूल रूप से ओडिशा की रहने द्रौपदी मुर्मू बीजेडी सरकार में मंत्री रह चुकी हैं। इसलिए बीजेडी उनके नाम पर आपत्ति नहीं जताएगी।
मुर्मू इस समय झारखंड की पूर्व राज्यपाल रह चुकी हैं। वहीं यशवंत सिन्हा झारखंड के मूल निवासी। इस तरह देखा जाए तो इस बार झारखंड देश को अगला राष्ट्रपति देने जा रहा है। द्रौपदी मुर्मू के नाम की घोषणा भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने एक प्रेस कांफ्रेंस में की। बैठक के दौरान करीब 20 नामों पर चर्चा हुई। जिसमें तय हुआ कि इस बार पूर्वी भारत से और किसी आदिवासी महिला को मौका दिया जाए। यदि द्रौपदी मुर्मू का चयन राष्ट्रपति पद के लिए होता है तो सर्वोच्च संवैधानिक पद पर पहुंचने वाली पहली आदिवासी महिला होंगी।
इससे पहले राष्ट्रपति चुनाव में विपक्षी दलों ने पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा को अपने संयुक्त उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतारने का एलान किया है। कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, सपा, माकपा-भाकपा और राकांपा से लेकर द्रमुक समेत विपक्षी खेमे की लगभग सभी पार्टियों ने मंगलवार को हुई अपनी बैठक में पूर्व भाजपा नेता सिन्हा को आम सहमति से विपक्ष का राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाने का फैसला किया।
विपक्षी दलों ने यशवंत सिन्हा को राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाने का एलान करने के बाद भाजपा से उनका समर्थन करने की अपील कर अपना सियासी दांव भी चला। लेकिन मौजूदा राजनीतिक हकीकत से साफ है कि राष्ट्रपति चुनाव के लिए सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच आमने-सामने की चुनावी टक्कर होगी और वोटों के समीकरण के हिसाब से राजग का पलड़ा स्पष्ट रूप से भारी है।
Presidential Election: Draupadi Murmu Vs Yashwant Sinha