संसद में राष्ट्रपति का अभिभाषण : ‘भारत में आज निडर और देशहित को सर्वोपरि रखने वाली सरकार’
संसद का बजट सत्र आज से शुरू हो गया. इस मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित किया. यह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का संसद में पहला अभिभाषण है. इस मौके पर उन्होंने कहा कि ये युग निर्माण का अवसर, हमें आत्मनिर्भर भारत बनाना है. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार गुलामी की मानसिकता से आजादी दिला रहा है. आज राजपथ कर्तव्य पथ बन गया है.
इससे पहले पीएम मोदी ने मीडिया से बात की. इस दौरान उन्होंने कहा कि आज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का पहला अभिभाषण है. यह नारी सम्मान का मौका है. इतना ही नहीं पीएम मोदी ने विपक्ष के सांसदों से अपील की कि सत्र में तकरार भी रहेगी, लेकिन तकरीर भी होनी चाहिए. आज राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद आर्थिक सर्वे पेश किया जाएगा, जहां देश की आर्थिक हालात का पता चलेगा.
उधर विपक्ष ने सर्वदलीय बैठक में संकेत दे दिए हैं कि सत्र काफी हंगामेदार हो सकता है. कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी पार्टियां फिलहाल विदेशी एजेंसी द्वारा उद्योगपति गौतम अडानी के खिलाफ रिपोर्ट और बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग पर रोक के मुद्दे पर सरकार को घेरने की तैयारी में हैं. इतना ही नहीं बेरोजगारी और महंगाई के मुद्दे पर भी सरकार की मुसीबतें बढ़ सकती हैं. इससे पहले सरकार ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में एक सर्वदलीय बैठक बुलाई थी. बैठक में 27 पार्टियों के 37 नेताओं ने हिस्सा लिया और अपनी अपनी पार्टियों के विषयों को रखा.
इस मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित किया. यह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का संसद में पहला अभिभाषण है. इस मौके पर उन्होंने कहा कि अमृतकाल का यह 25 वर्ष का कालखंड, स्वतन्त्रता की स्वर्णिम शताब्दी का, और विकसित भारत के निर्माण का कालखंड है. ये 25 वर्ष हम सबके लिए और देश के प्रत्येक नागरिक के लिए कर्तव्यों की पराकाष्ठा करके दिखाने के हैं. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि 2047 तक हमें ऐसे देश का निर्माण करना है, जो अतीत के गौरव से जुड़ा हो और जिसमें आधुनिकता के सभी स्वर्णिम अध्याय हों. हमें एक ऐसे भारत का निर्माण करना है जो ‘आत्मनिर्भर’ हो और अपने मानवीय कर्तव्यों को पूरा करने में सक्षम हो.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, सरकार के लगभग नौ वर्षों में भारत के लोगों ने अनेक सकारात्मक परिवर्तन पहली बार देखे हैं. सबसे बड़ा परिवर्तन यह हुआ है कि आज हर भारतीय का आत्मविश्वास शीर्ष पर है और दुनिया का भारत को देखने का नजरिया बदला है. हमारे लिए युग निर्माण का अवसर है. हमें ऐसा भारत बनाना है जो आत्मनिर्भर है और जो अपने मानवीय दायित्व को पूरा करने में समर्थ हो, जिसमें गरीबी न हो, जिसका मध्यम वर्ग भी वैभव से युक्त हो. जिसकी युवाशक्ति, नारी शक्ति समाज और राष्ट्र को दिशा देने के लिए खड़ी हो.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, मैं आज इस सत्र के माध्यम से, देशवासियों का आभार व्यक्त करती हूं कि उन्होंने लगातार दो बार, एक स्थिर सरकार को चुना है. मेरी सरकार ने देशहित को सदैव सर्वोपरि रखा, नीति-रणनीति में संपूर्ण परिवर्तन की इच्छाशक्ति दिखाई. जो भारत कभी अपनी समस्याओं के समाधान के लिए दूसरों पर निर्भर था, वही आज दुनिया की समस्याओं के समाधान का माध्यम बना है. जिन सुविधाओं के लिए देश की एक बड़ी आबादी ने दशकों तक इंतजार किया, वे इन वर्षों में उसे मिली है.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, सर्जिकल स्ट्राइक से लेकर आतंकवाद पर कठोर प्रहार तक, एलओसी से लेकर एलएसी तक हर दुस्साहस के कड़े जबाव तक, आर्टिकल 370 हटाने से लेकर तीन तलाक तक, मेरी सरकारी की पहचान निर्णायक सरकार की रही है. राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, मेरी सरकार का स्पष्ट मत है कि भ्रष्टाचार लोकतंत्र का और सामाजिक न्याय का सबसे बड़ा दुश्मन है. इसलिए बीते वर्षों से भ्रष्टाचार के विरुद्ध निरंतर लड़ाई चल रही है. हमने सुनिश्चित किया है कि व्यवस्था में ईमानदार का सम्मान होगा. भ्रष्टाचार मुक्त इको सिस्टम बनाने, बेनामी संपत्ति अधिनियम को नोटिफाई किया गया है.
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, जनधन-आधार-मोबाइल से फर्जी लाभार्थियों को हटाने से लेकर वन नेशन वन राशन कार्ड तक, एक बहुत बड़ा स्थाई सुधार हमने किया है. बीते वर्षों में डीबीटी के रूप में, डिजिटल इंडिया के रूप में, एक स्थाई और पारदर्शी व्यवस्था देश ने तैयार की है. आयुष्मान भारत योजना ने देश के करोड़ों गरीबों को और गरीब होने से बचाया है, उनके 80 हजार करोड़ रुपए खर्च होने से बचाए हैं.
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