भारत के गेहूं पर निर्यात बंद करते ही दाम ने तोड़े सभी रिकॉर्ड
मुंबई – भारत सरकार द्वारा गेहूं के निर्यात पर लगाई रोक का असर अब विश्व के बाजारो में दिखने लगा है. सोमवार को यूरोपीय बाजार में गेहूं की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई. प्रमुख गेहूं निर्यातक यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के मद्देनजर कीमत (जो पहले से ही अधिक थी) यूरोपीय बाजार के खुलने के साथ ही 435 यूरो ($ 453) (35,282.73 भारतीय रूपये) प्रति टन हो गई.
बता दें जी-7 देश भारत सरकार द्वारा गेहूं के निर्यात पर लगाई रोक की आलोचना कर चुके हैं. सात औद्योगीकृत देशों के समूह के कृषि मंत्रियों ने शनिवार (14 मई) को भारत के इस फैसले की निंदा की. जर्मन कृषि मंत्री केम ओजडेमिर ने स्टटगार्ट में कहा, “अगर हर कोई निर्यात प्रतिबंध या बाजार बंद करना शुरू कर देगा, तो इससे संकट और खराब हो जाएगा.” उन्होंने कहा, “हम भारत से G20 सदस्य के रूप में अपनी जिम्मेदारी संभालने का आह्वान करते हैं.”
G7 औद्योगिक राष्ट्रों के मंत्रियों ने दुनिया भर के देशों से प्रतिबंधात्मक कार्रवाई नहीं करने का आग्रह किया जिससे उपज बाजारों पर और दबाव बढ़ सकता है. कृषि मंत्री जून में जर्मनी में जी7 शिखर सम्मेलन में इस विषय को संबोधित करने की “सिफारिश” करेंगे, जिसमें प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया है. जी-सात में ब्रिटेन, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान और अमेरिका शामिल हैं.
बता दें भारत ने घरेलू स्तर पर बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने के उपायों के तहत गेहूं के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया है. हालांकि, विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने 13 मई को जारी अधिसूचना में कहा, “इस अधिसूचना की तारीख या उससे पहले जिस खेप के लिए अपरिवर्तनीय ऋण पत्र (एलओसी) जारी किए गए हैं, उसके निर्यात की अनुमति होगी.”
डीजीएफटी ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत सरकार द्वारा अन्य देशों को उनकी खाद्य सुरक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए और उनकी सरकारों के अनुरोध के आधार पर दी गई अनुमति के आधार पर गेहूं के निर्यात की अनुमति दी जाएगी. गौरतलब है कि भारत, दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा गेहूं उत्पादक है.
Price broke all records as soon as India stopped exports on wheat