कलाकार…सुपरस्टार…थलाइवा!

हमारे देश में बड़े से बड़े स्टार की फिल्म उस दिन रिलीज की जाती है, जिस दिन छुट्टी हो। लेकिन एक कलाकार ऐसा भी है जिसकी फिल्म जिस दिन रिलीज हो, उसी दिन छुट्टी हो जाती है। हम बात कर रहे हैं दक्षिण के सुपरस्टार रजनीकांत (Rajinikanth) की, जिनका आज 70वां जन्मदिन है। रजनीकांत दुनिया भर में अपने बेहतरीन अदाकारी के साथ ही खास लहजे में डायलॉग अदायगी, स्टाईल और स्पेशल स्टंट के लिए मशहूर हैं।
रजनीकांत यानी ‘थलाइवा’ भारतीय सिनेमा के सबसे प्रभावशाली फिल्म सितारों में से एक हैं। इनका सिनेमा प्रेमियों में ही नहीं बल्कि राजनीति में भी प्रभाव है। उनके जन्मदिन के मौके पर उन्हें उनके फैन्स के साथ-साथ तमाम कलाकारों और नेताओं ने बधाई संदेश भेजे, जिनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हैं।

Rajinikanth: फर्श से अर्श तक
रजनीकांत की जिन्दगी की कहानी भी फिल्मी लगती है। संप्रदायों और राज्यों के मतभेद के बावजूद एक मराठा कैसे तमिलों का भगवान बन गया, ये कम आश्चर्यजनक नहीं। रजनीकांत (Rajinikanth) यानी शिवाजी राव गायकवाड़ का जन्म 12 दिसंबर 1950 में बेंगलुरू में हुआ था। वैसे, उनके पूर्वज तमिलनाडु के कृष्णागिरि जिले के नाचिकुप्पम गाँव के रहने वाले हैं। उनके पिता रामोजी राव गायकवाड़ एक हवलदार थे। उनकी मां जीजाबाई की मृत्यु बचपन में ही हो गई थी। चार भाई-बहनों में सबसे छोटे रजनीकांत ने होश संभालते ही अपने परिवार को सहारा देने के लिए मेहनत-मजदूरी शुरु कर दी और कुली से लेकर बस कंडक्टर तक का काम किया।
लेकिन इस मुश्किल दौर में भी अभिनय के शौक को उन्होंने जिन्दा रखा। कंडक्टरगिरी के दौरान भी वो सिगरेट उछाल कर पीना और गॉगल्स के साथ खेल करते रहते थे। अपने सीटी मारने और अलग तरह से टिकट काटने के अंदाज की वजह से वो यात्रियों और दूसरे बस कंडक्टरों के बीच भी मशहूर थे। इसके अलावा उन्होंने नाटकों में हिस्सा जारी रखा ।

सफर: कंडक्टर से कलाकार
जब एक्टिंग जुनून बन गया, तो 1973 में नौकरी छोड़कर मद्रास के फिल्म इंस्टीट्यूट में दाखिला ले लिया। इसी बीच एक नाटक के मंचन के दौरान फिल्म निर्देशक के. बालाचंदर उनसे मिले और उन्हें अपनी तमिल फिल्म में अभिनय करने का प्रस्ताव दिया। इस तरह उनके करियर की शुरुआत तमिल फिल्म ‘अपूर्वा रागंगाल’ (1975) से हुई, जिसमें वह खलनायक बने। यह भूमिका यूं तो छोटी थी, लेकिन इस फिल्म को राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया था।
करियर की शुरुआत में तमिल फिल्मों में खलनायक की भूमिकाएं निभाने के बाद रजनीकांत(Rajinikanth) धीरे-धीरे एक स्थापित अभिनेता की तरह उभरे। तेलुगु फिल्म ‘छिलाकाम्मा चेप्पिनडी’ (1975) में उन्हें मुख्य अभिनेता की भूमिका मिली। इस फिल्म के बाद रजनीकांत ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। आज रजनीकांत तमिल फिल्मों के बेताज बादशाह हैं और अपने करोड़ों फैंस के बीच रजनी ‘थलाइवा’ नाम से मशहूर हैं। इन्होंने 200 से ज्यादा फिल्मों में काम किया है और इन्हें भारतीय सिनेमा में उनके योगदान के लिए भारत का तीसरा सर्वोच्च सम्मान, पद्म भूषण से नवाजा गया है।

सफर: कलाकार से सुपरस्टार
आज सुपरस्टार रजनीकांत (Rajinikanth) किसी प्रोडक्ट का विज्ञापन नहीं करते हैं और औसतन एक फिल्म का 55 करोड़ रुपये चार्ज करते हैं। इनकी अनुमानित नेट वर्थ 360 करोड़ रुपये है। साल 2018 में वह सालाना 50 करोड़ रुपये की कमाई के साथ ‘फोर्ब्स इंडिया रिचेस्ट सेलिब्रिटी लिस्ट’ में 14वें स्थान पर थे।
एक रिपोर्ट के मुताबिक रजनीकांत जिन फिल्मों में काम करते हैं, उसका लगभग आधा बजट मेहनताने के रुप में लेते हैं। जैसे, कबाली के लिए 50 करोड़ रुपये, लिंगा के लिए 60 करोड़ रुपये और एंदिरन (रोबोट) के लिए 45 करोड़ रुपये। ये राशि इन फिल्मों के बजट की आधी के करीब है। वैसे, फिल्म इंडस्ट्री के सूत्रों के मुताबिक जब वितरक फिल्म की लागत वसूल नहीं कर पाते हैं, तो रजनीकांत (Rajinikanth) उन्हें पैसा भी लौटा देते हैं।
आज लोग इन्हें सिर्फ एक एक्टर या सुपरस्टार की तरह नहीं बल्कि भगवान की तरह मानते हैं। दक्षिण भारत में रजनीकांत के नाम से कई मंदिर भी बनवाये गये हैं, जहां इनकी बाकायदा पूजा होती है।

विवाद और राजनीति
रजनीकांत (Rajinikanth) ने कुछ हफ्ते पहले एक घोषणा की थी कि वह 31 दिसंबर को अपनी राजनीतिक पार्टी लॉन्च करेंगे और उसी दिन अपनी पार्टी के नाम का खुलासा करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि आध्यात्मिक राजनीति के साथ तमिलनाडु के भाग्य को बदलने का समय आ गया है।
इसी साल रजनीकांत (Rajinikanth) ने 14 जनवरी को द्रविड़ विचारक ईवी रामस्वामी पेरियार पर ऐसा बयान दिया कि तमिलनाडु की राजनीति में भूचाल-सा आ गया। उन्होंने कहा था – “पेरियार भगवान के कट्टर आलोचक थे। उन्होंने 1971 की एक रैली में भगवान राम-सीता की आपत्तिजनक तस्वीर दिखाई थी। लेकिन, किसी ने उनकी आलोचना नहीं की।” इसके बाद द्रविड़ संगठन ने रजनीकांत (Rajinikanth) से बिना शर्त माफी की मांग की थी। लेकिन रजनीकांत ने माफी मांगने से साफ इंकार कर दिया और कहा कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं बोला है और वे अपनी बात साबित कर सकते हैं।
तमिल सुपरस्टार रजनीकांत ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पर भी अपनी प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कहा कि सीएए मुसलमानों के लिए खतरा नहीं है। अगर उन्हें इससे कोई भी परेशानी हुई तो उनके समर्थन में आवाज उठाने वाले वे सबसे पहले व्यक्ति होंगे। उनके उस बयान से दक्षिण के मुस्लिम संगठन काफी आहत हुए थे। इन्हीं सब वजहों से उन्हें बीजेपी का समर्थक माना जा रहा है और कहा जा रहा है कि उनकी पार्टी को मुस्लिमों का सहयोग नहीं मिलेगा।

इसके अलावा रजनीकांत (Rajinikanth) जल्द ही अपनी अपकमिंग फिल्म ‘अन्नाथे’ में दिखाई देंगे। अब देखना है कि उनकी फिल्मी और राजनीतिक पारी… भविष्य में किन उंचाईयों तक जाती है।