यूक्रेन से लौटे भारतीय छात्रों को राहत, MBBS डिग्री हासिल करने का मिलेगा एक और मौका

यूक्रेन से लौटे मेडिकल छात्रों के लिए राहत की खबर है. सरकार ने कहा है कि ऐसे छात्रों को MBBS फाइनल की परीक्षा पार्ट 1 और पार्ट2 क्लियर करने का मौका दिया जाएगा. हालांकि, उन्हें एक साल के अंदर Medical Course Admission परीक्षा पास करनी होगी. एग्जाम क्लियर करने के बाद उन्हें दो साल की इंटर्नशिप करनी होगी.
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में साफ किया कि ऐसे छात्रों के पास फाइनल एग्जाम की परीक्षा पास करने का ये आखिरी मौका होगा. बता दें कि, Russia-Ukraine War की वजह से यूक्रेन में पढ़े रहे हजारों मेडिकल छात्रों को भारत लौटना पड़ा था. भारत सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते पढ़ाई बीच में छोड़कर भारत लौटने वाले छात्रों को किसी भी मौजूदा मेडिकल कॉलेजों में रजिस्ट्रेशन के बिना एमबीबीएस फाइनल ईयर में एडमिशन मिलेगा. हालांकि, उस कॉलेज में उन छात्रों को थ्योरी और प्रैक्टिकल दोनों को पास करने का एक ही मौका दिया जाएगा.
केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि यूक्रेन से लौटने वाले मेडिकल स्टूडेंट्स को 2 साल की अनिवार्य रोटेटरी इंटर्नशिप पूरी करनी होगी. इस दौरान उनसे पहले साल कोई फीस नहीं लिया जाएगा. हालांकि, दूसरे साल के फीस का भुगतान एनएमसी द्वारा पिछले मामलों के लिए तय किया गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यूक्रेन से लौटने वाले छात्रों को भारत के कॉलेजों में दाखिला दिया जाएगा. हालांकि, उन्हें एक साल के अंदर प्रवेश परीक्षा पास करनी होगी. यह परीक्षा भारतीय मेडिकल कोर्स सिलेबस पर बेस्ड होगी.
Relief for Indian students who returned from Ukraine, will get another chance to get MBBS degree