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‘रेवड़ी कल्चर सही या गलत’ SC में कल फिर होगी सुनवाई

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‘रेवड़ी कल्चर सही या गलत’ SC में कल फिर होगी सुनवाई

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चुनावों में मतदाताओं को रिझाने के लिए राजनीतिक दलों की ओर से की जाने वालीं लुभावनी चुनावी घोषणाओं पर सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को फिर सुनवाई हुई. जिसमें कोर्ट ने कहा कि अगर कोई सिंगापुर भेजने का वादा करे तो हम क्या कर सकते हैं. अश्विनी उपाध्याय द्वारा दायर की गई याचिका पर कल इस मामले में कल फिर सुनवाई होगी. दायर की गई याचिका में राजनीतिक दलों की मान्यता रद करने की मांग की गई है. इसे लेकर पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने कह दिया था कि राजनीतिक दलों को मुफ्त घोषणा करने से रोका नहीं जा सकता है. मुफ्त चुनावी घोषणाएं करने के बावजूद पार्टियां चुनाव हार जाती हैं.

सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि मुफ्त उपहार एक महत्वपूर्ण मुद्दा है और इस पर बहस की जरूरत है. सीजेआई एनवी रमना का कहना है कि मान लीजिए कि केंद्र एक कानून बनाता है कि राज्य मुफ्त नहीं दे सकते हैं, तो क्या हम कह सकते हैं कि ऐसा कानून न्यायिक जांच के लिए खुला नहीं है. देश के कल्याण के लिए हम इस मुद्दे को सुन रहे हैं. याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को करीब 45 मिनट तक सुनवाई हुई.

बता दें कि पिछले महीने जुलाई में पीएम मोदी ने अपने एक बयान में मुफ्त सरकारी योजनाओं की घोषणा करने को रेवड़ी कल्चर कहा था. इसके बाद पीएम का यह बयान सियासी बहस का मुद्दा बन गया था. इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है जिसमें आज यानी मंगलवार को कोर्ट अहम सुनवाई करने वाला है. इस मामले की सुनवाई खुद सीजेआई एनवी रमना की अगुवाई वाली तीन जजों की बेंच कर रही है, जिसमें जस्टिस जेके महेश्वरी और जस्टिस हिमा कोहली भी शामिल हैं.

सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि ये फ्री योजनाएं देश, राज्य और जनता पर बोझ बढ़ाता है. इस पर सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि सरकार भी इस बात से सहमत है. ऐसी आदतें आर्थिक विनाश की ओर ले जाती हैं. याचिकाकर्ता ने विशेषज्ञ कमेटी बनाने की मांग की थी, लेकिन बेंच ने कहा कि पहले अन्य के सुझाव पर भी गौर करेंगे.

पीएम मोदी के रेवड़ी कल्चर वाले बयान पर आम आदमी पार्टी सहित कई विपक्षी दल के नेताओं ने ऐतराज जताया था. आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने मोदी के बयान के तत्काल बाद पूरे गुजरात में प्रदर्शन किया था. आम आदमी पार्टी ने 200 यूनिट तक बिजली बिल माफी जैसी मुफ्त या अत्यधिक सब्सिडी वाली सेवाओं के दिल्ली मॉडल को प्रदर्शित करके चुनावी अभियान गुजरात में अपने चुनावी अभियान को आधार बनाया है. इसे लेकर ही फ्रीबीज पर ये बवाल मचा है.

‘Rewari culture right or wrong’ will be heard in SC tomorrow

Asit Mandal

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