#Rhea:सब याद रखा जाएगा !
हमारी सरकार, हमारी जांच एजेंसियों, हमारे न्यूज चैनल्स के बावजूद…. रिया चक्रवर्ती(#Rhea) को बॉम्बे हाई कोर्ट से जमानत मिल गई है। 70 पेज के फैसले में … CRIMINAL BAIL APPLICATION (STAMP) NO. 2386 OF 2020…जमानत देने की वजह का जिक्र पेज 65-66 में इस तरह किया गया है
I am unable to agree with the submission that giving money to another for consuming drug would mean encouraging such habit and would mean “financing” or “harbouring” as envisaged under Section 27A of the NDPS Act. (पेज65-पारा2)
there is nothing at this stage to show that the Applicant had committed any offence involving commercial quantity of contraband. The material at the highest shows that she has committed an offence involving contraband, but, the crucial element of incurring rigours of Section 37 in respect of commercial quantity is missing. Therefore, I am satisfied that there are reasonable grounds for believing that the Applicant is not guilty of any offence punishable under Sections 19, 24 or 27A or any other offence involving commercial quantity. There are no other criminal antecedents against her. She is not part of the chain of drug dealers. She has not forwarded the drugs allegedly procured by her to somebody else to earn monetary or 66 / 70 67 1.3-BA-st-2386-2020 other benefits. Since she has no criminal antecedents, there are reasonable grounds for believing that she is not likely to commit any offence while on bail. (पेज66- सेक्शन 70 )
रिया (#Rhea)पर NCB का इल्जाम क्या था?
NCB का इल्जाम था कि रिया एक बड़े ड्रग सिंडिकेट का हिस्सा थी। एक फाइनांसर के तौर पर वो इस सप्लाई चेन की अहम किरदार थी। इसी वजह से और इसी आधार पर उन्हें तीन दिन की पूछताछ के बाद 8 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था।
रिया (#Rhea)की सफाई क्या थी ?
- ड्रग सुशांत लेते थे। उन्हें ड्रग खरीदने के लिए मेरी आर्थिक मदद की जरूरत नहीं थी। इसलिए मुझे सुशांत के ड्रग का फाइनांसर बता कर मुझ पर NDPS की सबसे सख्त धारा 27A लगाना सही नहीं है
- मेरे अकाउंट से 27 हजार का खर्च दिखाया गया है, लेकिन ये रकम ड्रग खरीदने में खर्च हुई थी, इसका कोई सबूत पेश नहीं किया गया है. सुशांत के घर से किसी ड्रग की कोई बरामदगी नहीं हुई है, न ही किसी ड्रग डिलीवरी का कोई सबूत है।
- अनुज केशवानी से मेरा कोई रिश्ता नहीं है, लिहाजा उसके पास से बरामद ड्रग्स के लिए मुझे कसूरवार करार नहीं दिया जा सकता।
- सुशांत मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट ने 19 अगस्त को सीबीआई को दी है, एनसीबी का इस मामले में जांच करना अवैध है।
अदालत में (#Rhea) केस की सुनवाई की सबसे अहम बात क्या है ?
इस मामले को तीन वजहों से देश में नारकोटिक्स के इतिहास का सबसे अहम मामला करार दिया जा रहा है।
- पहली बार एक ऐसे शख्स पर जिसका कोई क्रिमिनल रिकार्ड नहीं रहा है, और जिसके पास से ड्रग की कोई रिकवरी नहीं हुई है, उस पर ड्रग डॉन के लिए बने NDPS Act की धारा 27 A लगाई गई, जिसमें न्यूनतम सजा ही दस साल है।
- इस मामले में NCB ने एक नई दलील दी जो अगर अदालत मान लेती तो इसके साथ ही कानून में बहुत बड़ा बदलाव हो जाता। NCB का कहना था कि अगर कोई व्यक्ति ( रिया) किसी दूसरे व्यक्ति ( सुशांत) के ड्रग लेने की जानकारी जांच एजेंसी को नहीं देता है तो NDPS एक्ट की धारा 27 A के तहत वो (रिया) अपराधी ( सुशांत) को शरण देने का गुनाह कर रहा है।
Additional Solicitor General Anil Singh ने हाई कोर्ट में कहा
When a person fails to disclose the fact of drug consumption by another person, it amounts to harbouring an offender under 27 A of NDPS Act.
- NCB का कहना था कि रिया जान बूझ कर एक अपराधी (सुशांत) की जानकारी पुलिस को नहीं दे रही थी। इसका मतलब ये हुआ कि वो अपराधी को शरण दे रही थी। इस पर जस्टिस कोतवाल ने पूछा
You are saying, non- disclosure is giving shelter?
इस पर ASG ने कहा – the definition says-assistance by any means( IPC- sec 52A)
बचाव पक्ष की दलील थी कि सुशांत अपने घर में रह रहे थे और उन्हें गिरफ्तारी का कोई अंदेशा भी नहीं था, ऐसे में ये कैसे कहा जा सकता है कि मैंने अपराधी( सुशांत) को शरण दी थी।
बचाव पक्ष की ओर से Advocate Taraq Sayed ने कहा
NCB is a premier investigating agency . they have better things to do than arrest people with a few grams of charas or ganza . 19 college students have been arrested and NCB is projecting as if a drug cartel has been busted. They are only playing with the sections. There are no specific allegations to show that I am part of a big drug syndicate. Though 19 people have been arrested, the NCB has not been recovered even 100gms of ganza from them.
(#Rhea)सब याद रखा जाएगा
सुशांत की मौत के बाद सोची समझी साजिश के तहत अस्सी हजार से ज्यादा फर्जी अकाउंट खोले गए, इनके जरिए सुशांत की मौत को कत्ल करार दिया गया…. महाराष्ट्र सरकार और मुंबई पुलिस को बदनाम किया गया और रिया को बगैर किसी ट्रायल के कई टीवी चैनलों ने गुनहगार करार दे दिया। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सीबीआई की जांच शुरू हुई। CBI को जब रिया के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला तब ED की तफ्तीश शुरू हो गई। जब ED को भी रिया के खाते में कुछ नहीं मिला तब NCB ने मुंबई में ड्रग सिंडिकेट के अहम किरदार के तौरपर रिया चक्रवर्ती को मोहरा बना कर पेश किया।
बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले से ये साफ है कि पॉपुलर नैरेटिव के नाम पर जांच एजेंसियों ने रिया को निशाना बनाया। इस मामले में एनसीबी के पास कंप्लेंट यानी चार्जशीट देने के लिए छह महीने का वक्त है, लेकिन ज्यादा संभावना यही है कि रिया को जेल भेजने का मकसद पूरा होने के बाद ये चार्जशीट शायद कभी पेश नहीं होगी।
रिया का गुनाह सिर्फ ये था कि वो सुशांत से प्यार करती थी। इस स्याह अंधेरी दुनिया में वो इंद्रधनुष की हसरत रखती थी। हमारी सरकार, हमारी जांच एजेंसियों, हमारे न्यूज चैनल्स ने उसका करियर, उसके सपने, उसका भविष्य… सब छीन लिया। कुछ लोग शायद ये नहीं जानते कि … ये एक पहिया है जो घूम चुका है…अगला नंबर उनमें से किसी का हो सकता है जिन्होंने उसके गम पे जश्न मनाया है।