हमारी पुलिस को बचाओ !

रक्षकों की रक्षा कीजिए सरकार !
कोरोना से देश को बचाना है तो सबसे पहले और सबसे ज्यादा जरूरी है पुलिसवालों को संक्रमण से बचाना।
पुलिसर्मियों में कोरोना संक्रमण के मामले
मुंबई – वडाला पुलिस स्टेशन के 9कांस्टेबल संक्रमित (1मई), DCP रैंक का IPS अधिकारी संक्रमित- ड्राइवर को था कोरोना (5मई) – अब तक 450 पुलिसकर्मी संक्रमित
चेन्नई – पांच पुलिसर्मी संक्रमित (5मई)
नोएडा – इमरजेंसी हेल्पलाइन नंबर 112 पर काम करने वाला पुलिसकर्मी संक्रमित ( 5मई)
कानपुर – लोकल इंटेलीजेंस यूनिट की महिला इंस्पेकटर समेत अब तक 24 पुलिसकर्मी संक्रमित ( 2मई)
इंदौर – संक्रमण से इंस्पेक्टर की मौत (18 अप्रैल)
भोपाल – 32 जमातियों की तलाश करने वाली पुलिस टीम के 10 पुलिसकर्मी संक्रमित ( 6मई)
क्यों संक्रमित हो रहे हैं पुलिसवाले ?
- कंटेनमेंट जोन (रेड,ऑरेंज,ग्रीन जोन) में एक्टिव ड्यूटी
- कोरोना मरीज का पता चलने के बाद कांटैक्ट ट्रेसिंग
- होम क्वारंटीन की निगरानी
- प्रवासी मजदूरों की निगरानी, नियंत्रण, रेल,बस से उनके सफर में मानवीय मदद
- निजामुद्दीन मरकज जैसे हाईरिस्क जोन से लोगों को निकाल कर जांच के लिए अस्पताल ले जाना
- देश भर में सोशल डिस्टेन्सिंग और लॉकडाउन लागू करना
- कोरोना मरीजों के अस्पताल की निगरानी
- फूड पैकेट्स का वितरण, कम्यूनिटी किचेन्स की निगरानी
उपाय क्या है ?
- 2 मई को गृह मंत्रालय ने राज्य सरकारों को निर्देश दिया कि जो पुलिस वाले कानून व्यवस्था बनाए रखने में सीधे तौर पर नहीं जुड़े हैं, उन्हें घर से काम करने की इजाजत दी जाए, ताकि कोरोना से संक्रमित पुलिस वालों की बढ़ती तादाद के लिए हम सेकेंड लाइन ऑफ डिफेंस तैयार कर सकें। इसे अमल में लाया जाए।
- अलग आइसोलेशन सेंटर – दिल्ली के द्वारका में दिल्ली पुलिस ने दस बेड का आइसोलेशन सेंटर बनाया है। 90 हजार पुलिसकर्मियों की जरूरत के हिसाब से दिल्ली के लिए ये अपर्याप्त है। इसी तरह के और ज्यादा सेंटर सारे देश में होने चाहिए
- रोटेशन क्वारंटीन – हर जिले में एसपी को निर्देश दिया जाए कि एक चौथाई पुलिसर्मियों को दस दिन के रोटेशन क्वारंटीन पर भेजा जाए। अगर आइसोलेशन सेंटर न हो तो होम क्वारंटीन में रखा जाए। ये व्यवस्था इस सोच के साथ बनाई जाई कि हर पुलिसकर्मी एक संदिग्ध कोरोना मरीज है और हर किसी को रोटेशन पर आइसोलेट और क्वारंटीन करना जरूरी है।
- रेड जोन में हर दिन हर थाने को सैनिटाइज किया जाए। संक्रमण का पहला मामला आते ही थाने के बाकी सभी पुलिसर्मियों को क्वारंटीन और आइसोलेट करने का प्रोटोकॉल तैयार हो।
- हर थाने के पुलिसर्मियों को दो या मुमकिन हो तो तीन बैच में बांटा जाए और उनकी ड्यूटी रोटेट की जाए। 15 दिन की ड्यूटी के बाद 15 दिन का अनिवार्य क्वारंटीन हो।
- हर थाने में 5 प्रतिशत sodium hypochloride solution स्प्रे करने वाला ऑटो सैनिटाइजर हो, जिससे ड्यूटी पर जाने से पहले और ड्यूटी से लौट कर आने के बाद पुलिसकर्मी डिसइन्फेक्ट हो सकें। इस काम के लिए उसी तरह का कोविड सैनिटाइजेशन सेल गठित किया जाए जो दिल्ली में संसद मार्ग के लिए किया गया है।
- अधिकारियों के साथ-साथ एक्टिव ड्यूटी में तैनात सभी पुलिसकर्मियों को हेल्थ वर्कर ग्रेड के मास्क, ग्लब्स और सैनिटाइजर मिले
अगर पुलिसवालों को कभी सरकार से मदद की सबसे ज्यादा जरूरत थी, तो वो है आज का दिन।