मंकीपॉक्स का टीका बनाने की तैयारी में सीरम इंस्टीट्यूट
दुनिया के कई देशों के बाद भारत में भी मंकीपॉक्स ने दस्तक दे दी है. इस समय देश में 4 मामले सामने आ चुके हैं, जिसके बाद इंडियन फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री इस वायरल बीमारी की वैक्सीन और दवाएं विकसित करने पर विचार कर रहा है. भारत में कोविड-19 वैक्सीन कोविशील्ड विकसित करने वाले सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला ने मंगलवार को कहा कि वह ग्लोबल पार्टनर Novavax के साथ मिलकर मंकीपॉक्स की mRNA वैक्सीन विकसित करने की योजना बना रहे हैं.
पूनावाला ने यह भी बताया कि वह डेनमार्क की दवा कंपनी Bavarian Nordic द्वारा निर्मित चेचक के टीके के आयात पर भी विचार कर रहे हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, चेचक के टीके, मंकीपॉक्स के लिए भी उपयोगी हो सकते हैं. हालांकि, ये टीके केवल उन लोगों को लगाए जाने चाहिए, जो मंकीपॉक्स के मरीजों के निकट संपर्क में आए हों यानी हाई रिस्क पर हों. पहले बताया गया था कि चेचक का टीका मंकीपॉक्स से बचने के लिए उपयोगी है, लेकिन इसकी प्रभावशीलता पर डेटा सीमित है.
इसके साथ ही WHO ने कहा कि वह इस समय सामूहिक टीकाकरण करने की सिफारिश नहीं कर रहा है. भारत ने चेचक को पूरी तरह खत्म कर दिया है. इसलिए देश में चेचक के टीके का कोई घरेलू निर्माता नहीं है. हालांकि विशेषज्ञों का दावा है कि भारत में चेचक के टीके निर्माण का अवसर तब तक मजबूती से नहीं उभर सकता जब तक कि बड़े पैमाने पर टीकाकरण की आवश्यकता न हो और सरकार ऐसा नीतिगत निर्णय न ले ले.
मंकीपॉक्स के बढ़ते मामलों को देखते हुए भारत में टेस्टिंग के लिए Genes2Me प्राइवेट लिमिटेड ने रीयल टाइम PCR आधारित किट विकसित करने की घोषणा की, जो 50 मिनट से कम समय से रिपोर्ट दे देती है. WHO के मुताबिक, 1 जनवरी से 22 जुलाई 2022 तक 75 देशों में मंकीपॉक्स के 16,016 मामले सामने आ चुके हैं. इसके साथ ही 5 लोगों की मौत भी हो चुकी है.
Serum Institute in preparation for making monkeypox vaccine