उद्धव ठाकरे को झटका! शिंदे गुट को मिला शिवसेना नाम और तीर-कमान

राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को शुक्रवार को बड़ा झटका लगा है. बता दें कि चुनाव आयोग ने वर्तमान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के समर्थन में अपना फैसला सुनाया. चुनाव आयोग ने आदेश दिया कि एकनाथ शिंदे गुट द्वारा पार्टी का नाम शिवसेना और पार्टी का प्रतीक धनुष और तीर रखा जाएगा.
भारत के चुनाव आयोग ने देखा कि शिवसेना का वर्तमान संविधान अलोकतांत्रिक है. बिना किसी चुनाव के पदाधिकारियों के रूप में एक गुट के लोगों को अलोकतांत्रिक रूप से नियुक्त करने के लिए इसे विकृत कर दिया गया है. इस तरह की पार्टी की संरचना विश्वास को प्रेरित करने में विफल रहती है. ऐसे में चुनाव आयोग ने साफ कर दिया कि शिवसेना का पार्टी का नाम, धनुष और तीर चिन्ह एकनाथ शिंदे गुट के पास बरकरार रहेगा.
दरअसल, पिछले साल जून में जब एकनाथ शिंदे ने तख्तापलट किया था तो पार्टी में दो गुट उभर आए थे. पार्टी उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे के समर्थकों के बीच बंट गई थी. शिंदे गुट की बगावत के बाद महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे को सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा था. बाद में एकनाथ शिंदे ने सीएम औऱ देवेंद्र फडणवीस ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली थी. इसके बाद उद्धव गुट औऱ एकनाथ शिंदे गुट असली शिवसेना की पहचान के लिए आमने सामने आ गए थे. जहां एकनाथ शिंदे गुट का कहना था कि हम बालासाहेब ठाकरे की विचारधारा को आगे बढ़ा रहे हैं. वहीं उद्धव गुट शिवसेना पर अपना दावा ठोक रहा था.
महाराष्ट्र में सत्ता में बदलाव के बाद उद्धव गुट औऱ एकनाथ शिंदे गुट असली शिवसेना की पहचान के लिए आमने सामने आ गए थे. जहां एकनाथ शिंदे गुट का कहना था कि हम बालासाहेब ठाकरे की विचारधारा को आगे बढ़ा रहे हैं. वहीं उद्धव गुट शिवसेना पर अपना दावा ठोक रहा था. इसके बाद उद्धव गुट और शिंद गुट ने शिवसेना के नाम और पार्टी के प्रतीक चिह्न तीर कमान को लेकर चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया था. अक्टूबर 2022 में शिंदे गुट को पार्टी के प्रतीक के रूप में दो तलवार और ढाल के साथ बालासाहेबंची शिवसेना (बालासाहेब की शिवसेना) नाम दिया गया था. जबकि उद्धव गुट को शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नाम दिया गया था और प्रतीक चिह्न मशाल दिया गया था.
इस संबंध में दिल्ली में केंद्रीय चुनाव आयोग में सुनवाई हुई. इसके बाद चुनाव आयोग ने इस संबंध में बड़ा फैसला दिया है. इसके मुताबिक पार्टी का नाम शिवसेना और चुनाव चिन्ह धनुष्यबन एकनाथ शिंदे को दिया गया है. ठाकरे गुट और शिंदे गुट दोनों ने दस्तावेज जमा किए थे. दोनों गुटों को अपने पक्ष में परिणाम प्राप्त करने के लिए आयोग को हलफनामा प्रस्तुत करने के लिए प्रतिस्पर्धा करनी पड़ी थी. लेकिन, अब माना जा रहा है कि शिंदे गुट को ठाकरे गुट का सिंबल और पार्टी का नाम मिलने से ठाकरे गुट को बड़ा झटका लगा है.
पार्टी सिंबल के अधिकार को लेकर 12 दिसंबर 2022 को नई दिल्ली में केंद्रीय चुनाव आयोग में सुनवाई हुई. इसमें ठाकरे और शिंदे समूह के प्रतिनिधियों ने भाग लिया. सुनवाई के दौरान दोनों गुटों के वकीलों की फौज चुनाव आयोग में मौजूद रही. चुनाव आयोग ने एकनाथ शिंदे गुट को असली शिवसेना माना है. आयोग ने शुक्रवार शाम को शिंदे समूह को शिवसेना के नाम और तीर-धनुष के चुनाव चिह्न का इस्तेमाल करने की अनुमति दे दी. आयोग ने उद्धव गुट की पार्टी संरचना को अलोकतांत्रिक पाया. इसमें बिना चुनाव कराए लोगों की नियुक्ति की जाती थी.
चुनाव आयोग ने यह भी पाया कि शिवसेना के मूल संविधान ने गुप्त रूप से अलोकतांत्रिक प्रथाओं को वापस लाया और पार्टी को एक निजी सीट पर वापस कर दिया. इन प्रथाओं को 1999 में चुनाव आयोग ने खारिज कर दिया था. लिहाजा महाराष्ट्र में शिवसेना में उद्धव गुट की दावेदारी खत्म हो गई है.
Shock to Uddhav Thackeray! Shinde faction got Shiv Sena name and bow and arrow