#SSR:क्या आप डिंपल थावानी को जानते हैं?
पूछना तो नहीं चाहिए…लेकिन….
क्या आप वाकई डिंपल थावानी को नहीं जानते ?…
ये कुछ ऐसा ही है जैसे 90 के दशक में किसी का ये कहना कि वो PSPO नहीं जानता।
वैसे अगर आप आज भी नहीं जानते कि PSPO क्या है तो जान लीजिए इसका मतलब है peak speed performance output
अगर आप डिंपल थावानी (#SSR)को नहीं जानते तो आप कुछ नहीं जानते…
डिंपल वो महिला हैं जिन्होंने रिपब्लिक टीवी को बताया था कि उन्होंने 13जून को सुशांत (#SSR)को रिया के साथ देखा था।
डिंपल रिया की पड़ोसन हैं। बयान सामने आने के बाद हुआ ये कि CBI ने डिंपल को बुलाया और तसल्ली से उनसे बात की। आज तक की वेबसाइट पर इस बातचीत का जिक्र है।
सीबीआई- क्या आपने देखा था कि सुशांत रिया को ड्रॉप कर रहे हैं?
डिंपल- नहीं. किसी और ने देखा था.सीबीआई- वो दूसरा शख्स कौन था? वो सामने क्यों नहीं आ रहा है?
डिंपल- क्योंकि वो शख्स शायद सहज महसूस ना कर रहा हो.सीबीआई- कब उस शख्स ने रिया-सुशांत को साथ देखा था?
डिंपल- मुझे नहीं पता.सीबीआई- किस जगह पर उस शख्स ने रिया-सुशांत को साथ देखा था?
डिंपल- मुझे नहीं पता.
डिंपल ने कबूल किया कि उन्होंने (#SSR) सुशांत को 13 जून को रिया को उनके घर के बाहर ड्राप करते नहीं देखा था।
CBI ने झूठे दावे करने के लिए उन्हें कड़ी चेतावनी दी है। खास बात न डिंपल का दावा है न CBI की चेतावनी…खास बात है व्यूअरशिप…जो लोग रिपब्लिक पर उनका बयान नहीं सुन पाए, ऐसे कम से कम 417,620 लोगों ने यूट्यूब पर जाकर डिंपल को सुना…लेकिन पांच दिन बाद जब डिंपल का झूठ सामने आया तो इस खबर को यूट्यूब पर देखने वालों की तादाद थी महज 46,306 ।
डिंपल के झूठ को अमेरिकी पॉप आर्टिस्ट Andy Warhol पहले ही नाम दे चुके हैं …15 minutes of fame…टिकटॉकियों के आने के 60 साल पहले . एंडी ने कहा था –भविष्य में हर कोई 15 मिनट के लिए मशहूर होगा…वो भविष्य अब आ गया है।
यशपाल की सबसे मशहूर कहानी है …अखबार में नाम
गुरदास लाइन में अनन्तराम से दो लड़कों के बाद था। यह घटना और काण्ड हो जाने के बाद वह सोचता रहा, ‘अगर अनन्तराम की जगह वही बेहोश होकर गिर पड़ता, वैसे ही उसे चोट आ जाती तो कितना अच्छा होता?’ आह भरकर उसने सोचा, ‘सब लोग उसे जान जाते और उसकी खातिर होती। ’
अखबार में नाम कहानी का एक अंश
अगर कभी वो वक्त आना था, जब लोग सिर्फ 15 मिनट की शोहरत के लिए कुछ भी कर सकते थे, कुछ भी कह सकते थे, तो वो वक्त आज है। जिधर देखिए राखी सावंत बिराजे।
आपके शब्द जितने ही निष्ठुर, आपकी भावना जितनी ही निकृष्ट, आपके विचार जितने ही नीरस, आपके चर्चित होने की आज उतनी ही ज्यादा संभावना है। डाटा की तरह मीडिया भी outlier की तलाश करता है। राम को वनवास मिला तो क्या, केकई की मंथरा याद तो आती है, वर्ना दासियां तो कौशल्या की भी रही होंगी…आज अगर रावण परिवार ट्वीटर पर होता, तो हो सकता है कि, सबसे ज्यादा फोलोइंग कुंभकरण की होती…किसी को उसका हेलो ब्रदर रुप पसंद होता तो कई यूट्यूबर अनिद्रा (insomnia) से निजात पाने के लिए उसके फार्मूले पर शॉर्ट वीडियो बना रहे होते।
डिंपल थावानी मंगल ग्रह से नहीं आई, वो हम में से ही एक है…हम सबको मशहूर होना पसंद है, हम चाहते हैं कि जिन्हें हम नहीं जानते, वो भी हमें पहचानें…फोटोग्राफ, ऑटोग्राफ…लें ..हम भीड़ से डरना भी चाहते हैं और . भीड़ से घिरना भी चाहते हैं,…यहां …कोई तो होगा जो हमसे बात करना चाहता है, हमारे बारे में बात करना चाहता है…
वैसे देखा जाए तो जो मजा औसत होने में है वो खास में कहां ? हमें कोई नहीं जानता ये सही है लेकिन फिर भी हम मां-बाप और अपने बच्चों के लिए सबसे स्पेशल हैं…याद है थ्री इडियट्स में एग्जाम हॉल में कॉपी लेट जमा करने पर प्रोफेसर से पूछते आमिर खान का सीन — क्या आप जानते हैं… हम कौन हैं?
कभी-कभी सबसे फायदे की बात ये है कि हमें कोई नहीं जानता
ये भी पढ़ें