पराली का धुआं और दिल्ली की हवा, राजधानी में एक बार फिर सांसों का आपातकाल
दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण (Delhi-NCR) लगातार बढ़ रहा है. इस बीच पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में पराली जलाने (Stubble Burning) की घटनाएं बढ़ने के कारण दिल्ली और आसपास के इलाकों में वायु गुणवत्ता ‘खराब’ श्रेणी में पहुंच गई है.
यही नहीं, इस दौरान दिल्ली के कुछ इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक बेहद खराब श्रेणी में पहुंच गया है, तो 27 निगरानी केंद्रों पर वायु गुणवत्ता खराब श्रेणी में दर्ज की गई. जबकि गाजियाबाद के लोनी में इस समय सबसे खराब स्थिति और यहां एक्यूआई 330 है. वहीं, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में हालात खराब हैं.
बीते 24 घंटे में राजधानी की हवा का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 93 अंक उछलकर 232 दर्ज किया गया है. जोकि विशेषज्ञों के अनुसार खराब श्रेणी में माना जाता है. इससे एक दिन पहले यह 139 दर्ज किया गया था. पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की पूर्वानुमान एजेंसी ‘सफर’ का अनुमान है कि अगले 24 घंटे में दिल्ली-एनसीआर की हवा और बिगड़ेगी और सूचकांक बहुत खराब श्रेणी में दर्ज किया जाएगा.
अगले तीन दिनों तक सुबह छाया रहेगा हल्का कोहरा
पहाड़ों पर बर्फबारी का असर मैदानी इलाकों में भी दिखना शुरू हो गया है. दिल्ली-एनसीआर में मौसम का मिजाज बदलने के कारण सुबह-शाम के समय हल्की सर्दी का अहसास बढ़ रहा है. अगले तीन दिनों में न्यूनतम तापमान में कमी आने के साथ सुबह के समय हल्का कोहरा छाया रह सकता है.
दिल्ली की हवा ‘बहुत खराब’ श्रेणी में पहुंचने की आशंका
काउंसिल ऑन एनर्जी, एनवायरमेंट एंड वॉटर (CEEW) की प्रोग्राम असोसिएट एल. एस. कुरिंजी के अनुसार, आने वाले दिनों में पराली का धुआं, दिवाली पर आतिशबाजी और गिरता तापमान भी हवा को काफी खराब कर सकता है. पिछले साल की तुलना में पराली जलाने के मामले काफी कम हैं. जबकि पिछले कुछ सालों में अक्टूबर के अंतिम हफ्ते और नवंबर के पहले हफ्ते में पराली जलने के करीब 3000 से 4000 मामले रोज सामने आते हैं. अगर ऐसा जारी रहा तो एक्यूआई बहुत खराब श्रेणी में पहुंच जाएगा.
Stubble smoke and Delhi’s air, once again a respiratory emergency in the capital