स च सर्व गुणोपेतः कौसल्यानंद वर्धनः । समुद्र इव गाम्भीर्ये धैर्येण हिमवानिव ॥ ( कौसल्या के आनन्द को बढ़ाने वाले सर्वगुण संपन्न राम (Ram), सागर के समान गंभीर और हिमालय के समान धैर्यवान हैं।) बालकांड, ...