जम्मू-कश्मीर में 50% तक कम हुए आतंकी हमले, 610 कश्मीरी पंडितों की संपत्ति भी की गई वापस
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गृह मंत्रालय ने आज बुधवार को राज्यसभा में बताया कि जम्मू-कश्मीर में आतंकी घटनाओं में करीब पचास फीसदी की गिरावट आई है. इसके मुताबिक जम्मू-कश्मीर में साल 2018 में जहां 417 आतंकी घटनाएं हुईं वहीं साल 2021 ये काफी कम होकर 229 पर रह गई. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने एक सवाल पर लिखित में ये जानकारी दी.
उन्होंने बताया, ‘केंद्र सरकार की आतंक के खिलाफ जीरो टॉलरेंस पॉलिसी है. केंद्र शासित प्रदेश में आतंकी घटनाओं के मामले में पर्याप्त कमी आई है. जम्मू-कश्मीर में साल 2018 में जहां 417 आतंकी घटनाएं हुईं, वहीं 2019 में 255, 2020 में 244 और 2021 में ये संख्या घटकर 229 तक रह गई.’ केंद्रीय मंत्री ने आंतकी हमले में आम नागरिकों और सुरक्षाबलों की मौत के संबंध में भी आंकड़े प्रस्तुत किए. उन्होंने बताया कि पांच अगस्त 2019 से नवंबर 2021 तक आंतकी हमलों में 87 आम नागरिकों और 99 सुरक्षाबलों की जान चली गई. वहीं मई 2014 से अगस्त 2019 के बीच आतंकी हमलों में 177 आम नागरिकों और 406 सुरक्षाबलों की जान चली गई.
सरकार ने बुधवार को संसद में बताया कि अत्याचार के कारण घाटी छोड़ने वाले कश्मीरी पंडितों में से 610 लोगों की संपत्ति उन्हें वापस की गई है. नित्यानंद राय ने प्रश्नकाल के दौरान पूरक सवालों के जवाब में यह जानकारी दी. राय ने कहा कि जम्मू कश्मीर के विभिन्न जिलों के जिलाधिकारी प्रवासी लोगों की अचल संपत्ति के कानूनी अभिरक्षक होते हैं और जम्मू कश्मीर सरकार ने ऐसे लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए पिछले साल एक पोर्टल की शुरूआत की है जो अत्याचार के कारण घाटी छोड़ने के लिए विवश हुए और जिनकी संपत्ति जबरन ले ली गई.
राय ने कहा कि केंद्र सरकार ऐसे लोगों की संपत्ति वापस लौटाने के लिए पूरी तरह से प्रयासरत है और अब तक पोर्टल पर आवेदन करने वाले 610 आवेदकों की संपत्ति वापस की गई है. जम्मू कश्मीर में लोगों को रोजगार मुहैया कराने के लिए सरकार के विभिन्न कदमों का जिक्र करते हुए राय ने कहा कि जम्मू कश्मीर के औद्योगिक विकास के लिए 51,000 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले हैं और इससे केंद्र शासित प्रदेश में 4.5 लाख युवाओं को रोजगार मिलने की संभावना है.
राय ने कहा सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के सुखद परिणाम सामने आए हैं और दुर्गम क्षेत्रों में सड़कों के निर्माण में तेजी आने से आवागमन भी सुगम हुआ है. उन्होंने कहा कि 2019 तक वहां प्रतिदिन औसतन 6.54 किलोमीटर सड़क बन रही थी है लेकिन अब प्रतिदिन औसतन 20.68 किलोमीटर सड़क बन रही है. उन्होंने कहा कि वहां एक हजार तक की आबादी वाली बस्तियां सड़कों से जुड़ गई हैं और 500 तक की आबादी वाली बस्तियों को 2023 तक सड़कों से जोड़ देने का प्रयास है.
उन्होंने कहा कि काजीगुंद-बनिहाल सुरंग बन जाने से श्रीनगर और जम्मू के बीच की दूरी तय करने में आसानी होगी और इस यात्रा में पहले जहां 10 घंटे लगते थे, वहीं अब यह यात्रा पांच घंटे 50 मिनट में पूरी होगी.
Terrorist attacks in Jammu and Kashmir reduced by 50%, assets of 610 Kashmiri Pandits also returned