तालिबान के आगे पूरी तरह अफगान सरकार का सरेंडर, गवर्नर से लेकर पुलिस चीफ तक हिरासत में
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अफगानिस्तान में तालिबान और सेना के बीच संघर्ष चल रहा है। अफगान सेना के लिए अब तालिबान को रोकना लगभग नामुमकिन सा होता जा रहा है। इस बीच गुरुवार को तालिबान ने दावा किया है कि उसने दक्षिणी शहर कंधार पर कब्जा कर लिया है। ये अफगानिस्तान की 34 में से 12वीं प्रांतीय राजधानी है, जिसे विद्रोहियों ने अपने हफ्ते भर के हमले में लिया है। कंधार पूरे देश का दूसरा सबसे बड़ा शहर भी है।
इस बीच हेरात प्रांत की पूरी सरकार ने ही तालिबान के आगे सरेंडर कर दिया है। यही नहीं राज्य के गवर्नर, पुलिस चीफ, एनडीएस ऑफिस के हेड को तालिबान ने हिरासत में ले लिया है। इसके अलावा तालिबान के खिलाफ जंग के प्रतीक रहे मोहम्मद इस्माइल खान को भी तालिबान ने हिरासत में लिया है। यही नहीं अब तालिबान का अगला टारगेट काबुल दिखता है और पश्चिमी देशों ने अपने दूतावासों से राजनयिकों को निकालने की तैयारी शुरू कर दी है। अमेरिका ने अपने 3,000 सैनिकों को वापस अफगानिस्तान भेजा है, जो उसके डिप्लोमैट्स को सुरक्षित निकालने का काम करेंगे।
इस बीच गुरुवार को कतर की मध्यस्थता में तालिबान से बातचीत के दौरान अफगानिस्तान सरकार ने उसे सत्ता में साझेदारी का ऑफर दिया है, लेकिन उसके लिए हिंसा छोड़ने की शर्त रखी है। लेकिन तालिबान अब भी राष्ट्रपति अशरफ गनी की विदाई को लेकर अड़ा हुआ है। हेरात में तालिबान की दहशत के चलते लोगों ने या तो खुद को घरों में बंद कर लिया है या फिर छोड़कर ही निकल रहे हैं।