ब्रिटिश शाही महल में गरमाया नस्लवाद का मुद्दा, लेडी सुसान ने दिया इस्तीफा

ब्रिटेन का शाही महल एक बार फिर से नस्ली टिप्पणी को लेकर विवादों में है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बकिंघम पैलेस की एक सदस्य 83 वर्षीय लेडी सुसान हसी (गॉडमदर) पर नस्ली टिप्पणी करने का आरोप है। मामले का खुलासा होने के बाद शाही परिवार की सदस्य को इस्तीफा देना पड़ा है। ब्रिटिश मीडिया के मुताबिक, शाही परिवार की इस सदस्य ने शाही महल से जुड़ा काम करने वाली एक अश्वेत महिला से बार-बार उसके मूल स्थान को लेकर सवाल पूछा था। इसके बाद प्रिंस विलियम के दफ्तर को सफाई देनी पड़ी कि नस्लवाद का हमारे समाज में कोई स्थान नहीं है।
लेडी सुसान ने काम करने आई अश्वेत महिला नगोजी फुलानी से बार-बार पूछा कि वह अफ्रीका के किस हिस्से से आई है जबकि उस महिला ने अपने ब्रिटिश होने की जानकारी दी और बताया कि वह हैकनी में पैदा हुई थी। सुसान ने इस पर भरोसा करने से इनकार कर दिया और सवाल पूछना जारी रखा। नगोजी फुलानी घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाओं के लिए चैरिटी का काम करती हैं। प्रिंस विलियम के दफ्तर ने कहा है कि ये टिप्पिणियां अस्वीकार्य थीं।
इस घटना ने प्रिंस और वेल्स की राजकुमारी की बोस्टन यात्रा के पहले दिन महल में ”संस्थागत नस्लवाद” के आरोपों को फिर से हवा दे दी। यह घटना ब्रिटेन की महारानी कैमिला के कार्यक्रम में हुई। इस कार्यक्रम का आयोजन घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाओं को लेकर किया गया था। 83 साल की प्रिंस विलियम की गॉड मदर लेडी सुसान हसी भी इस कार्यक्रम में शामिल हुईं थी।
शाही महल के प्रवक्ता ने कहा कि इस मामले की जांच की जा रही है। प्रवक्ता के मुताबिक, इस तरह के मामलों को बिल्कुल स्वीकार नहीं किया जा सकता है। इस तरह की टिप्पणी पर हमें खेद है। हम नागोजी से मिलने की कोशिश कर रहे हैं। यदि वह चाहें तो इस मामले पर व्यक्तिगत रूप से हमें अपने बुरे अनुभव बता सकती हैं। हालांकि प्रवक्ता ने इस दौरान उसका नाम नहीं लिया जिस पर नस्ली टिप्पणी करने का आरोप है। प्रवक्ता ने कहा कि उस सदस्य ने माफी मांगने की इच्छा जाहिर की है और उन्हें इस बात पर अफसोस है कि उनकी टिप्पणी से किसी को तकलीफ हुई है।
ब्रिटेन के शाही महल में नस्लभेद का यह कोई पहला मामला नहीं है। किंग चार्ल्स के छोटे बेटे प्रिंस हैरी की पत्नी मेगन मर्केल ने भी आरोप लगाया था कि महल में उन पर नस्लभेदी टिप्पणी की गई थी। मेगन ने कहा था कि उनके गर्भवती होने के दौरान महल के लिए काम करने वाले सदस्य ने उनके बच्चे के रंग को लेकर सवाल किए थे। लोगों को यह चिंता थी कि कहीं बच्चे का रंग अश्वेत न हो जाए।
The issue of racism heats up in the British royal palace, Lady Susan resigns