महंगाई से त्राहिमाम Sri Lanka की जनता, 500 रुपये किलो बिक रहा है चावल!

कोलंबो – पड़ोसी देश श्रीलंका में हाहाकार मचा हुआ है। अस्पतालों में दवाएं खत्म होने से डॉक्टर्स ने मरीजों का ऑपरेशन रोक दिया। पेट्रोल पंप पर फ्यूल के लिए दो-दो किलोमीटर लंबी लाइनें लग रहीं। खाने की चीजें इतनी महंगी हो गईं कि लोग भूखे सोने को मजबूर हैं। आलम ये है कि पेट्रोल से भी महंगा दूध बिक रहा है।एक कप चाय की कीमत 100 रुपये हो गई है।
मिर्च 700 रुपये किलोग्राम बिक रही है। एक किलो आलू के लिए 200 रुपये तक चुकाने पड़ रहे। फ्लूल की कमी का असर बिजली उत्पादन पर भी पड़ा है। अब कई शहरों में 12 से 15 घंटे तक बिजली कटौती हो रही है। ऐसी स्थिति में भारत ने फौरी तौर पर श्रीलंका को एक अरब डॉलर की मदद दिया है। हालात इतने बदतर हो चुके हैं कि चीनी की कीमत 290 रुपये किलो तो चावल की कीमत 500 रुपये किलो हो चुकी है.
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अभी श्रीलंका में महंगाई की दर 17 फीसदी को भी पार कर चुकी है. यह पूरे दक्षिण एशिया के किसी भी देश में महंगाई का सबसे भयानक स्तर है. इसके चलते श्रीलंका के सामने आजादी के बाद का सबसे गंभीर संकट उत्पन्न हो गया है. अभी इस छोटे देश की स्थिति ऐसी है कि 1 कप चाय के लिए लोगों को 100 रुपये देने पड़ रहे हैं. इतना ही नहीं, ब्रेड और दूध जैसी जरूरी चीजों के दाम भी आसमान पर हैं. खबरों के अनुसार, अभी श्रीलंका में ब्रेड के एक पैकेट की कीमत 150 रुपये हो चुकी है. दूध का पाउडर 1,975 रुपये किलो हो चुका है, तो एलपीजी सिलेंडर का दाम 4,119 रुपये है. इसी तरह पेट्रोल 254 रुपये लीटर और डीजल 176 रुपये लीटर बिक रहा है.
श्रीलंकाई रुपये की वैल्यू पिछले कुछ दिनों में डॉलर के मुकाबले 46 फीसदी से ज्यादा कम हो चुकी है. मार्च में श्रीलंकाई रुपये की वैल्यू किस कदर कम हुई है, उसका अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि 1 डॉलर के मुकाबले यह 201 से भी टूटकर 318 श्रीलंकाई रुपये पर आ चुकी है. इसकी तुलना अन्य देशों से करें तो 1 डॉलर की वैल्यू करीब 76 भारतीय रुपये, 182 पाकिस्तानी रुपये, 121 नेपाली रुपये, 45 मॉरीशस रुपये और 14,340 इंडोनेशियाई रुपये के बराबर है.
आंकड़ों के अनुसार, अभी श्रीलंका पर 51 अरब डॉलर के कर्ज का बोझ है. अकेले चीन का ही श्रीलंका के ऊपर 5 बिलियन डॉलर से ज्यादा का कर्ज है. इसके अलावा श्रीलंका के ऊपर भारत और जापान जैसे देशों के अलावा आईएमएफ (IMF) जैसे संस्थानों का भी लोन उधार है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल 2021 तक श्रीलंका के ऊपर कुल 35 बिलियन डॉलर का विदेशी कर्ज था, जो अब 51 अरब डॉलर पर पहुंच चुका है. आर्थिक संकटों से घिरे इस छोटे देश के ऊपर इस भारी-भरकम विदेशी कर्ज का ब्याज व किस्त चुकाने का भी बोझ है, जो हालात को और बिगाड़ रहे हैं.
The people of Sri Lanka are saddened by inflation, rice is being sold for Rs 500 a kg!