महंगे होंगे फुटवियर के दाम, जूते-चप्पल की बिक्री पर दिखेगी GST की मार
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कोविड ने हर तरह के बिजनेस पर ब्रेक लगा दिया था। लेकिन अब धीरे-धीरे बाजार की स्थिति बेहतर होते जा रही है। इस साल मई में कोविड का डर कम हुआ और पाबंदियां हटीं तो उन्हें भी लगा कि जूते-चप्पव बिकने लगेंगे। ग्राहक लौटने भी लगे. फसल कटाई के बाद किसानों की खरीदारी और शादियों के मौसम को देख काफी ऑर्डर मिल रहा है। बीते साल का नुकसान भरने की उम्मीद पूरी थी। लेकिन, उनकी उम्मीदों पर उस वक्त पानी पड़ गया जब पता चला कि फुटवियर कंपनियों ने तो कीमतें बढ़ा दी हैं।
ऊपर से सप्लाई भी टूटी बिखरी थी। कंपनियों को भी मांग बढ़ने की उम्मीद थी। कोविड महामारी के दौरान पाबंदियों के चलते फुटवियर बाजार में चीन की आपूर्ति कम थी, इसलिए भारतीय कंपनियों के पास मौका भी है। लेकिन, अब सब उलट-पलट हो रहा है। पिछले 5-6 महीने में जूते-चप्पल बनाने में लगने वाला कच्चा माल दोगुना तक महंगा हुआ है। खासतौर पर जूते-चप्पलों के सोल की कीमतें बेतहाशा बढ़ी हैं।
इस बीच सरकार ने 1,000 रुपये से कम के जूते-चप्पलों पर GST की दर 5% से बढ़ाकर 12% कर दी है जिसका भारी विरोध हो रहा है। जूते-चप्पलों की खरीदारी से लेकर इन्हें बनाने वालों तक 95% कारोबार इसी प्राइस रेंज में सिमटा हुआ है। इस बारे में आगरा फुटवियर मैन्युफैक्चरर्स एंड एक्सपोर्टर्स चैंबर (AFMEC) के प्रेसिडेंट पूरन डावर कहते हैं, “1000 रुपये से ऊपर के फुटवियर पर 18% GST लगता है और हम सरकार से इसे घटाकर 12% पर लाने की मांग कर रहे थे। इसके उलट सरकार ने सस्ते जूते-चप्पलों पर GST को बढ़ाकर 12% कर दिया। इसके दूरगामी बुरे परिणाम दिखाई देंगे।”
दरअसल फुटवियर निर्यात में भारत की बढ़त रही है, लेकिन अब भाड़े आसमान छू रहे हैं। पहले एक कंटेनर के शिपमेंट का खर्च करीब 800-1000 डॉलर था जो अब बढ़कर 7,000 डॉलर पर पहुंच गया है। पश्चिमी देशों में ओमीक्रॉन के डर से ऑर्डर रद्द होने का खतरा है। आगरा फुटवियर मैन्युफैक्चरर्स एंड एक्सपोर्टर्स चैंबर (AFMEC) के प्रेसिडेंट पूरन डावर कहते हैं, “2019 के मुकाबले 2020 में 30% एक्सपोर्ट कम रहा था। इस दफा भी निर्यात 30% कम रहने की आशंका है।”
95% जूते-चप्पलों की कीमत 1,000 रुपये या उससे कम है। इस सीजन में फुटवियर के दाम 15-20 फीसदी बढ़ने की आशंका है। मतलब दाम इतने ज्यादा कि आम लोगों को कोई फुटवियर खरीदने से पहले 10 दफा सोचना होगा।
The price of footwear will be expensive, the impact of GST will be seen on the sale of footwear