फिर महंगा हो सकता है पेट्रोल डीजल
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अंतरराष्ट्रीय बाजार में एक बार फिर कच्चे तेल ( Crude Oil Price) के दामों में उबाल देखने को मिल रहा है. कच्चे तेल की कीमत दो महीने के उच्चतम स्तर पर ट्रेड कर रहा है. शुक्रवार को ब्रेंट क्रूड फ्यूचर 118 डॉलर प्रति बैरल के पार चला गया. फिलहाल ये 117.30 डॉलर प्रति बैरल पर ट्रेड कर रहा है. यूरोपीय यूनियन ( European Union) द्वारा रूस से कच्चे तेल के आयात पर बैन लगाने की वकालत करने के चलते कच्चे तेल के दामों ये तेजी देखी जा रही है. ब्रेट क्रूड ऑयल ( Brent Crude Oil) की कीमत 117 डॉलर प्रति बैरल के पार जा पहुंचा है जो 28 मार्च के बाद सबसे ज्यादा है.
इससे पहले यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम 2008 के बाद पहली बार 139 डॉलर प्रति बैरल के उच्चतम स्तर पर जा पहुंचा था. रूस से कच्चे तेल के आयात पर बैन लगाने की मांग के चलते तो कीमतों में तेजी है ही साथ ही चीन मे कोरोना के चलते लगाये गए लॉकडाउन में ढील दिए जाने की खबरों के चलते भी कच्चे तेल के दामों में उछाल आई है. दरअसल चीन में लॉकडाउन में ढील दी गई तो इससे कच्चे तेल की मांग बढ़ेगी और सप्लाई में कमी के चलते कीमतों में और तेजी देखने को मिल सकती है.
कच्चे तेल के दामों में ये इजाफा भारत के लिए बुरी खबर है. भारत में पहले ही 22 मार्च से 6 अप्रैल 2022 के बीच 10 रुपये प्रति लीटर पेट्रोल डीजल महंगा हो चुका है. हालांकि सरकार ने आम लोगों को राहत देने के लिए पेट्रोल डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में कमी किया है. पेट्रोल पर 8 रुपये प्रति तो डीजल पर 6 रुपये प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी में कमी की गई है. लेकिन कच्चे तेल के कीमतों में तेजी आई तो फिर से पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ने का सिलसिला शुरू हो सकता है. जिसके महंगाई और भी बढ़ सकती है. वैसे भी सरकारी तेल कंपनियों को पेट्रोल डीजल बेचने पर भारी नुकसान उठाना पड़ रह रहा है.
Then petrol diesel can be expensive