केंद्र की नौकरियों में है 27 फीसदी OBC आरक्षण, फिर झारखंड में अब तक क्यों था 14%?
झारखंड सरकार ने बुधवार को राज्य सरकार की नौकरियों में OBC आरक्षण को 14 फीसद से बढ़ाकर 27 फीसदी करने का फैसला किया है. सोरेन सरकार ने एससी, एसटी, पिछड़ा वर्ग, ओबीसी और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के सदस्यों के लिए 77 प्रतिशत आरक्षण देने के प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दे दी.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में कई और फैसलों के साथ ही ओबीसी आरक्षण को मौजूदा 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत कर दिया गया. इसके साथ ही हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार ने डोमिसाइल को तय करने के लिए 1932 भूमि रिकॉर्ड (खतियान) का उपयोग करने के प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दे दी. झारखंड में अब तक अनुसूचित जाति (SC) को 10 प्रतिशत रिजर्वेशन मिलता था. जबकि अनुसूचित जनजाति (एसटी) का आरक्षण 26 फीसदी और OBC को केवल 14 फीसदी आरक्षण ही था. क्योंकि अगर OBC का रिजर्वेशन कोटा बढ़ाने की कोशिश की जाती, तो ये 50 फीसदी आरक्षण की सीमा से ऊपर चला जाता. इसका कारण था ये कि आदिवासी राज्य होने के कारण झारखंड में अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण की सीमा ज्यादा है.
फिलहाल अब सरकार ने तमिलनाडु जैसे राज्यों की रिजर्वेशन पालिसी के हिसाब से OBC कोटा बढ़ाकर, 50 फीसदी आरक्षण सीमा को पार करने का फैसला कर लिया है. अब हेमंत सोरेन की सरकार के फैसले के मुताबिक अनुसूचित जाति (SC) के आरक्षण को 10 से बढ़ाकर 12 प्रतिशत और अनुसूचित जनजाति (एसटी) का आरक्षण 26 से बढ़ाकर 28 प्रतिशत किया जाएगा. इसके अलावा अत्यंत पिछड़ा वर्ग (इडब्ल्यूएस) के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया है. इस तरह कुल मिलाकर राज्य में अब आरक्षण का प्रतिशत 50 से बढ़कर 77 हो जाएगा. झारखंड की कैबिनेट ने एससी, एसटी, पिछड़ा वर्ग, अन्य पिछड़ा वर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए आरक्षण बढ़ाकर 77 प्रतिशत करने के लिए Jharkhand Reservation of Vacancies in Posts and Services Act, 2001 में संशोधन के लिए आरक्षण विधेयक को मंजूरी दी है. बैठक में निर्णय लिया गया कि राज्य सरकार, केंद्र से इस विधेयक को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करने का अनुरोध करेगी.
ओबीसी कोटा को 14 प्रतिशत से बढ़ाने के लिए 2019 में सभी बड़ी पार्टियों ने चुनावी वादा किया था. जिसमें सत्तारूढ़ गठबंधन-झामुमो-कांग्रेस-राष्ट्रीय जनता दल (राजद) भी शामिल हैं. ओबीसी के लिए सरकारी नौकरियों में 27 प्रतिशत आरक्षण की मांग कर रही झारखंड कांग्रेस ने इसे एक ऐतिहासिक कदम बताया और कहा कि वह नौकरियों के लिए दूसरे राज्यों में लोगों के पलायन को रोकेगी. गौरतलब है कि पिछले महीने ही हेमंत सोरेन ने एससी, एसटी और अन्य पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण से संबंधित मुद्दों पर सुझाव देने के लिए एक पैनल के गठन को मंजूरी दी थी.
There is 27 percent OBC reservation in central jobs, then why was Jharkhand 14% till now?