इस बार हरियाली तीज पर बन रहा है ये शुभ योग, जानें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
नई दिल्ली – हिंदू धर्म में त्योहारों का खास महत्व है. भारतीय लोग देश में पर्वों को बड़ी धूम-धाम से मनाते हैं. बात चाहें दीवाली,होली,नवरात्रि की हो या फिर रक्षाबंधन की, हर भारतीय बड़े ही उत्साह से त्योहार मनाते हैं. इन पर्वों में सावन का महीना बहुत पवित्र माना जाता है. धर्म शास्त्रों में कहा गया है कि ये महीना शिवजी को बहुत पसंद है. सावन के महीने में हरियाली तीज का अपना अलग महत्व है. इस दिन महिलाएं अपने पति की लम्बी उम्र, अच्छी सेहत और सफलता के लिए रखती हैं.
सावन की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरियाली तीज का पर्व मनाया जाता है. हरियाली तीज नाग पंचमी से दो दिन पहले आती है. हरियाली तीज पर महिलाएं व्रत रखती हैं और सोलह श्रंगार करती है. हरियाली तीज के दिन भगवान शंकर और माता पार्वती की पूजा की जाती है हरियाली तीज को छोटी तीज या श्रावण तीज के नाम से भी जाना जाता है. इस साल हरियाली तीज 31 जुलाई 2022 को रविवार के दिन मनाई जाएगी.
शुभ मुहूर्त –
तृतीया तिथि प्रारम्भ – जुलाई 31, 2022 को सुबह 02 बजकर 59 मिनट पर शुरू
तृतीया तिथि समाप्त – अगस्त 01, 2022 को सुबह 04 बजकर 18 मिनट पर खत्म।
शुभ योग –
इस साल हरियाली तीज पर रवि योग बनने जा रहा है. रवि योग को शुभ फल देने वाला योग माना जाता है. किसी भी कार्य को संपन्न करने के लिए इस योग को श्रेष्ठ माना जाता है. माना जाता है कि रवि योग कई अशुभ योगों से होने वाली हानि से बचाता है. रवि योग पर सूर्य को अर्घ्य देना जातकों के लिए काफी शुभ और प्रभावशाली माना जाता है. हरियाली तीज पर रवि योग 31 अगस्त को शाम 2 बजकर 20 मिनट से शुरू होकर 1 अगस्त को सुबह 6 बजकर 4 मिनट तक रहेगा.
पूजा विधि –
इस दिन सुहागिन महिलाएं स्नान करके साफ कपड़े पहनती हैं. इसके बाद पूजा के लिए एक चौकी पर माता पार्वती, भगवान शिव और गणेश जी की प्रतिमा रखी जाती है. इसके बाद माता पार्वती का 16 श्रृंगार किया जाता है. इसके बाद भगवान शिव को बेल पत्र, भांग धतूरा और धूप, वस्त्र आदि चढ़ाएं. इसके बाद गणेश जी की पूजा करें और हरियाली तीज की कथा सुनें. फिर माता पार्वती और भगवान शिव की आरती करें.
हरियाली तीज का महत्व –
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, पूजा-पाठ और अनुष्ठान करने के लिए सावन माह सबसे पावन महीना माना जाता है. इस महीने भगवान शिव की आराधना करना बहुत शुभ माना जाता है. सुहागिन महिलाओं के लिए हरियाली तीज व्रत बहुत ही महत्वपूर्ण होता है. हरियाली तीज के खास मौके पर महिलाएं झुला झुलती हैं और सावन के गीत गाती हैं.
पौराणिक कथाओं के अनुसार, माता पार्वती ने भगवान शिव को पाने के लिए कठोर तपस्या की थी. मां पार्वती के कठोर तप देखकर भोलेनाथ प्रसन्न हो गए थे और हरियाली तीज के दिन माता पार्वती को पत्नी के रूप में स्वीकार कर लिया था. ऐसा कहा जाता है कि इस व्रत को करने से सुहागिन महिलाओं को अंखड सौभाग्यवती होने का आशीर्वाद मिलता है.
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