बजट सत्र से पहले केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्तार संभव, पीएम मोदी की अगुवाई में घंटों चली बैठक
इस महीने के अंतिम सप्ताह में शुरू हो रहे संसद के बजट सत्र से पहले केंद्रीय मंत्रिमंडल का विस्तार हो सकता है। विस्तार को अंजाम देने की विमर्श की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। गृह मंत्री अमित शाह की कुछ सहयोगी दलों के नेताओं से मुलाकात के बाद 8 जनवरी की रात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में मैराथन बैठक हुई।
कई घंटे चली इस बैठक में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और संगठन महासचिव बीएल संतोष ने हिस्सा लिया। सूत्रों का कहना है कि आगामी लोकसभा चुनाव की मजबूत तैयारी के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ही नहीं राज्यों और केंद्रीय संगठन में भी अहम बदलाव होंगे। बदलाव की यह प्रक्रिया केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्तार से शुरू होगी।
इससे पहले नड्डा के कार्यकाल को एक साल का विस्तार दिया जाएगा। केंद्रीय मंत्रिमंडल में विस्तार के बाद राज्यों के संगठन में बदलाव, जरूरी नेतृत्व परिवर्तन और केंद्रीय संगठन में अहम बदलावों पर मुहर लगेगी। योजना 15 फरवरी तक हर तरह के बदलाव को अमलीजामा पहनाने की है।
लोकसभा चुनाव से पूर्व मोदी मंत्रिमंडल का यह अंतिम विस्तार होगा। यही कारण है कि इसके लिए व्यापक स्तर पर मंथन किया जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि विस्तार के जरिए राज्यों के समीकरण साधने के लिए बड़े बदलाव किए जाएंगे। इसके जरिए राज्यों के सियासी, सामाजिक समीकरण साधे जाएंगे। संभवत: भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद एक बार फिर से शीर्ष स्तर पर विमर्श की प्रक्रिया अपनाई जाएगी।
मंत्रिमंडल विस्तार में इस बार सहयोगियों का खास ख्याल रखा जाएगा। दरअसल मोदी सरकार और भाजपा इस धारणा को खत्म करना चाहती है कि उसका रुख सहयोगी दल विरोधी है। जदयू, अकाली दल के राजग छोडऩे, शिवसेना में बिखराव के कारण भाजपा पर इस आशय के आरोप लगते रहे हैं। ऐसे में विस्तार में सहयोगियों के लिए बेहतर संभावना उपलब्ध कराए जाने के आसार हैं।
सूत्रों का कहना है कि बिहार में सियासी समीकरण साधने के लिए चिराग पासवान को मंत्रिमंडल में जगह दी जाएगी। नीतीश के करीबियों में शुमार रहे आरसीपी सिंह को मंत्री बनाए जाने की चर्चा है। इसके अलावा शिवसेना के साथ आए धड़े से एक कैबिनेट और एक राज्य मंत्री बनाए जाने और पहले से मंत्रिमंडल में शामिल कुछ सहयोगियों की पदोन्नति के भी आसार हैं।
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बताया कि संसद सत्र का पहला हिस्सा 31 जनवरी से 13 फरवरी और दूसरा हिस्सा 13 मार्च से 6 अप्रैल तक चलेगा। पहले हिस्से में एक फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी। उसके बाद राष्ट्रपति के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा होगी। जबकि दूसरे हिस्से में आम बजट पर चर्चा का वित्तमंत्री जवाब देंगी और धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देंगे। पूरे सत्र में 27 बैठकें होंगी।
नए संसद भवन का काम लगभग पूरा हो गया है, लेकिन बजट सत्र पुराने भवन में ही होने के आसार हैं। बीते शीतकालीन सत्र से ही नए संसद भवन में सत्र आयोजित करने की तैयारी थी। हालांकि नए संसद भवन का काम पूरा नहीं होने के कारण इसे टाल दिया गया था।
आम बजट पर वित्त मंत्री की ओर से मंथन का सिलसिला जारी है। हर बार की तरह इस आम बजट में उनका जोर राजकोषीय घाटे से निपटने के साथ विकास की गति बनाए रखने पर होगी। मध्य वर्ग इस बार भी आयकर छूट सीमा बढ़ाए जाने की उम्मीद करेगा।
Union cabinet expansion possible before budget session, meeting led by PM Modi lasted for hours