सवालों से डरने वाली बहादुर सरकार
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एक मैं हूँ, किया ना कभी सवाल कोई
एक तुम हो, जिसका कोई जवाब नहीं
क्या चीन हमारी सीमा के अंदर आ गया है? 15 जून से अब तक देश को इस सवाल का जवाब नहीं मिला। क्या इस सवाल का जवाब मिलना चाहिए?
25 मार्च को जब प्रधानमंत्री ने लॉकडाउन का ऐलान किया था, तब उन्होंने कहा था-महाभारत का युद्ध 18 दिन चला था..कोरोना के खिलाफ हम 21 दिन के लॉकडाउन में जीत हासिल करेंगे। तब संक्रमितों की तादाद पांच सौ और मरने वालों की तादाद दो दर्जन के करीब थी, अब संक्रमितों का आंकड़ा 40 लाख और मरने वालों का 70 हजार के करीब है। क्या कोरोना को लेकर सरकार से सवाल होना चाहिए?
देश की जीडीपी पहली बार शून्य से नीचे आई है। -23.9% की विकास दर पर क्या सरकार से सवाल पूछा जाना चाहिए?
सरकारी बैंकों की तादाद 27 से 12 हुई, अब सरकार कह रही कि 12 से घटाकर ये तादाद 4 या 5 की जाएगी और कुछ बैंकों को बेच दिया जाएगा। बैंकों के विलय और बिक्री पर क्या सरकार से सवाल होना चाहिए ?
अगस्त के महीने में हर दिन भारत में सबसे ज्यादा संक्रमण के मामले दर्ज किए गए, इसके बाद भी 1 सितंबर से देश करीब-करीब पूरी तरह अनलॉक हो गया है। 25 लाख के करीब बच्चे NEET और JEE Mains परीक्षा दे रहे हैं। क्या इससे संक्रमण का खतरा बढ़ेगा? क्या ये सवाल सरकार से पूछा जाना चाहिए ?
शायद ये सारे सवाल पूछे जाने चाहिए, और इसके अलावा भी कई सवाल हो सकते हैं…जो लोकतंत्र में विपक्ष सरकार से पूछता है। ऐसे में क्या करे सरकार ?
हमारे पास देश के इतिहास में पहले प्रधानमंत्री हैं, जिन्हें सवालों से इतनी परेशानी है कि वो कभी प्रेस कान्फ्रेंस नहीं करते, अब नया मास्टस्ट्रोक ये है कि संसद का सत्र चलेगा, कार्यवाही का प्रसारण भी लाइव होगा, विरोधी सांसद भी आएंगे, बस उन्हें सवाल पूछने की इजाजत नहीं होगी।
14 सितंबर से शुरू होने वाले संसद के सत्र में पहली बार प्रश्नकाल यानी question hour नहीं होगा। अगर सदस्य सवाल पूछना ही चाहें तो उन्हें 15 दिन पहले सवाल जमा करना होगा। जीरो आवर होगा, लेकिन उसका वक्त आधा कर 30 मिनट कर दिया गया है। सांसद अपनी ओर से विधेयक जिस Private Members’ business hour में रखते हैं, उसे भी रद्द कर दिया गया है।
प्रश्न काल रद्द क्यों किया गया ?
रक्षा मंत्री के हवाले से आई खबर मे बताया गया है कि ऐसा माननीय सांसदों की कोरोना से हिफाजत के लिए किया गया है। प्रश्नकाल में विरोधी सांसद सवाल पूछेंगे तो उनका जवाब देने के लिए मंत्रालयों को कई अधिकारियों को तलब करना पड़ेगा, उनसे ब्रीफिंग लेनी होगी, इस तरह संसद में आने वाले लोगों की तादाद बहुत ज्यादा हो जाएगी और कोरोना का खतरा बढ़ जाएगा।
प्रश्नकाल क्या है ?
लोकसभा की बैठक का पहला घंटा सांसदों के सवालों के लिए होता है, इसलिए इसे प्रश्नकाल कहा जाता है। इस एक घंटे में विरोधी सांसद किसी मुद्दे पर सवाल पूछ सकते हैं। प्रश्न काल को संसदीय कार्यवाही का सबसे जरूरी और सबसे रोचक भाग माना जाता है। प्रश्नकाल के दौरान सरकार को कसौटी पर परखा जाता है। प्रत्येक मंत्री को खड़े होकर अपने अथवा अपने प्रशासनिक कृत्यों में भूल चूक के संबंध में उत्तर देना होता है।
जवाब सोच के वो दिल में मुस्कुराते हैं
अभी ज़बान पे मेरी सवाल भी तो न था
लोकसभा की वेबसाइट पर प्रश्नकाल को लेकर लिखा गया है –
प्रश्न पूछना सदस्यों का जन्मजात और उन्मुक्त संसदीय अधिकार है।
अब सरकार कह रही है कि कोरोना का खतरा बहुत ज्यादा है लिहाजा आप सवाल मत पूछिए। इतना मासूम जवाब तो नर्सरी का बच्चा भी होमवर्क न लाने पर मिस को नहीं देता।
सवाल ये है हवा आई किस इशारे पर
चराग़ किसके बुझे ये सवाल थोड़ी है

आज हममें से कई लोग बेहद निराश हैं, क्योंकि उन्हें अब तक ये बताया नहीं गया है कि सीबीआई दफ्तर से लौटने के बाद रात मे रिया चक्रवर्ती ने खाने में क्या खाया ? कोरोना, जीडीपी, सरकारी बैंक, जुलाई में 1.92 करोड़ युवाओं की नौकरी छिनने और बच्चों के इम्तिहान जैसी फिजूल की बातें सिक्युलर और टुकड़े-टुकड़े गैंग की साजिश है, एक सरकार..एक विचार और एक प्रचार के इस दौर में जो लोग सवाल पूछना चाहते हैं, सवाल उनसे पूछे जाने चाहिए…सरकार से नहीं।
सवाल कर के मैं ख़ुद ही बहुत पशेमाँ हूँ
जवाब दे के मुझे और शर्मसार न कर